प्रश्न 5.
भारत-पाक विभाजन से विस्थापितों की क्या समस्यायें रहीं तथा उनका किस प्रकार समाधान किया गया?
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जब भारत और पाकिस्तान का 1947 में बंटवारा हुआ तो बंटवारे के कारण भारत और पाकिस्तान में अनेक लोग विस्थापित हो गए थे। पाकिस्तान से बहुत बड़ी संख्या में विस्थापित लोग भारत में बसने के लिए आए, जिनकी संख्या लगभग 70 से 80 लाख थी। ये लोग अपना सबकुछ पाकिस्तान में छोड़कर आ गये। इनका घर-बार, धन-सम्पत्ति आदि सबकुछ पाकिस्तान में ही रह गया था। क्योंकि इन्हें अचानक ही पाकिस्तान छोड़कर आना पड़ा था। इन लोगों के पास धन के नाम पर कुछ नही था। ऐसे में इन विस्थापितों के पुनर्वास की आवश्यकता थी ताकि ये अपने जीवन को पुनः व्यवस्थित कर सकें।
भारत सरकार द्वारा इन विस्थापितों को भारत में बसाने के लिए कई तरह के उपाय आजमाए गए।
- शुरुआत में विस्थापितों को विद्यालयों की इमारतों में रखा गया।
- बाद में इन विस्थापितों के लिए जगह-जगह पर अस्थायी शिविर लगाए गए, जिनमें अजमेर, गांधीधाम, दिल्ली, करनाल, कच्छ, पंजाब आदि जगह हैं।
- विस्थापितों की घर की समस्या को दूर करने के लिये अनेक शहरों ‘मॉडल टाउन’ जैसे कालोनियां विकसित की गयीं।
- धीरे-धीरे विस्थापितों के लिए अन्य जरूरी व्यवस्थाएं भी की जाने लगीं।
- विस्थापितों बच्चों को पढ़ने के लिए विशेषरूप से संध्याकालीन विद्यालय खोले गए।
- विस्थापितों के लिए नए-नए तकनीकी संस्थान खोले गए ताकि विस्थापित लोग कोई हुनर सीख सकें जिससे वो हुनर उनके रोजगार में काम आए।
- कई विस्थापितों को खेती करने के लिए खाली पड़ी हुई जमीन भी दी गई ताकि वह उस पर खेती कर अपनी आजीविका चला सकें।
- बहुत से विस्थापितों ने नये-नये शहरों को आबाद भी किया।
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