प्रश्न 5. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
खा-खाकर कुछ पाएगा नहीं,
न खाकर बनेगा अहंकारी।
सम खा तभी होगा समभावी,
खुलेगी सॉकल बंद द्वार की।
1. खा-खाकर कुछ क्यों नहीं प्राप्त होता ?
2 'समभावी' और 'बंद द्वार' से क्या आशय है ?
3. इन पंक्तियों में कवयित्री क्या प्रेरणा देना चाहती है ?
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sry.. I can't understand
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really sry.. ask somebody else
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