प्रश्न 5. निम्नलिखित पद्यांश की संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या लिखिए
संतो देखत जग बौराना साँच कहों तो मारना धावै, झूठे जग पतियाना| नेमी देखा धरमी देखा, प्रात करै असनाना| आतम मारि पखानही पूजै, उनमें कछु नहीं जाना ||'।
उत्तर
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प्रश्न 5. निम्नलिखित पद्यांश की संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या लिखिए
संतो देखत जग बौराना साँच कहों तो मारना धावै, झूठे जग पतियाना| नेमी देखा धरमी देखा, प्रात करै असनाना| आतम मारि पखानही पूजै, उनमें कछु नहीं जाना ||
संदर्भ-प्रसंग : यह पद कबीरदास द्वारा लिखा गया है | यह पद पाठ्य-पुस्तक आरोह से लिया गया है | पद में कबीर जी ने अपने लंगत के साधुओं को इस संसार के पागलपन की बातों को समझाते हुए कहा है |
व्याख्या : हे साधों , देखो यह संसार पागल हो गया है | यहाँ पर लोग सत्य का विरोध करते है , और मारने काटने पर आ जाते है , झूठी बातों पर विश्वास कर लेते है | संसार में लोगों को सत्य और असत्य का ज्ञान नहीं रह गया है | धर्म के नाम पर लड़ते रहते है , हिन्दू लोग राम जी पूजा करते है | उन्हें अपना बताते है | इसी प्रकार मुसलमान लोग रहमान अल्लाह को मानते है | दोनों लोग ईश्वर के नाम को नहीं जानते है |
Answer:
टाटी खा लो सईया