प्रश्न-5 पाठ्य पुस्तक से बारह प्रश्न में कोई दस प्रश्न किजिए-(10x2-20)
१) गोपियों ने उद्धव को अति बहभागी क्यो कहा है?
२) गोपियों ने 'मन चकरी किसे कहा है?
2) गोपियों ने अपनी तुलना हारिल पक्षियों से क्यो की है?
४) तम्त धरा का सांकेतिक अर्थ है?
५) निराला जी ने बदल गरजने के साथ कविता का नाम उत्साह क्यों रखा
६) कवि ने बदल का आहवान किसके लिए किया है?
७) नेताजी की प्रतिमा में क्या कमी खटकती थी?
८) हालदार साहब ने कस्बे में जीप क्यो रुकवाई?
९) नेताजी की प्रतिमा का चश्मा बदलने का उत्तरदायित्व किसका हो गया था?
१०) बालगोबिन भगत अपनी फसल को सबसे पहले कहा लेकर जाते थे?
११) बालगोबिन भगत के गानों का लोगों पर क्या असर पड़ता था?
१२) बालंगोबिन भगत की चारित्रिक विशेषता लिखों?
Answers
पाठ्य पुस्तक से बारह प्रश्न में कोई दस प्रश्न किजिए-(10x2-20)
१) गोपियों ने उद्धव को अति बहभागी क्यो कहा है?
२) गोपियों ने 'मन चकरी किसे कहा है?
2) गोपियों ने अपनी तुलना हारिल पक्षियों से क्यो की है?
४) तम्त धरा का सांकेतिक अर्थ है?
५) निराला जी ने बदल गरजने के साथ कविता का नाम उत्साह क्यों र
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६) कवि ने बदल का आहवान किसके लिए किया है?
७) नेताजी की प्रतिमा में क्या कमी खटकती थी?
८) हालदार साहब ने कस्बे में जीप क्यो रुकवाई?
९) नेताजी की प्रतिमा का चश्मा बदलने का उत्तरदायित्व किसका हो गया था?
१०) बालगोबिन भगत अपनी फसल को सबसे पहले कहा लेकर जाते थे?
११) बालगोबिन भगत के गानों का लोगों पर क्या असर पड़ता था?
१२) बालंगोबिन भगत की चारित्रिक विशेषता लिखों?
❥ गोपियों ने उद्धव को इसलिए बड़भागी कहा है क्योंकि उद्धव श्रीकृष्ण के प्रेम से दूर हैं। उन्हें कृष्ण का प्रेम अपने बंधन में न बाँध सका। ऐसे में उद्धव को प्रेम की वैसी पीड़ा नहीं झेलनी पड़ रही है जैसी गोपियाँ झेलने को विवश हैं।
❥ गोपियो ने उद्धव को मन की चकरी कहा है ।
❥ गोपियों ने अपने लिए कृष्ण को हारिल की लकड़ी के समान इसलिए बताया है क्योंकि जिस प्रकार हारिल पक्षी अपने पंजे में दबी लकड़ी को आधार मानकर उड़ता है उसी प्रकार गोपियों ने अपने जीवन का आधार कृष्ण को मान रखा है।
❥ तप्त धरा का सांकेतिक अर्थ दुखों से पीडित धरती है।
❥ कवि ने बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के लिए नहीं कहता बल्कि 'गरजने' के लिए कहा है; क्योंकि 'गरजना' विद्रोह का प्रतीक है। कवि ने बादल के गरजने के माध्यम से कविता में नूतन विद्रोह का आह्वान किया है। इसलिए कविता का शीर्षक उत्साह रखा गया है।
❥ सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' कवि ने बादल का ही आह्वान क्यों किया है? कवि ने बादल का ही आह्वान किया है क्योंकि बादल क्रांति के प्रतीक हैं। बादलों की गर्जना क्रांति का आह्वान के समान लगती है क्रांति आम व्यक्ति को प्रभावित करती है।
❥ नेताजी की मूर्ति में चश्मे की कमी खटकती थी। मूर्तिकार ने जब नेता जी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति बनाई, तब उसमें चश्मा नहीं लगाया। चश्मे के बिना मूर्ति अधूरी लगती थी। मूर्तिकार या तो बनाना भूल गया था या फिर चश्मा टूट गया था।
❥ मूर्ति पर लगे सरकंडे का चश्मा इस बात का प्रतीक है कि आज भी देश की आने वाली पीढ़ी के मन में देशभक्तों के लिए सम्मान की भावना है। भले ही उनके पास साधन न हो परन्तु फिर भी सच्चे हृदय से बना वह सरकंडे का चश्मा भी भावनात्मक दृष्टि से मूल्यवान है। अतः उम्मीद है कि बच्चे गरीबी और साधनों के बिना भी देश के लिए कार्य करते रहेंगे।
❥ नेताजी की प्रतिमा का चश्मा बदलने का उत्तरदायित्व छोटे से बच्चे हो गया था जिसने कैप्टन की मृत्यु के बाद मूर्ति पर सरकंडे वाला चस्मा लगाया था ।
❥ बालगोबिन भगत अपनी फसल को सबसे पहले कबीरपंथी मठ में ले जाते थे।
❥ बालगोबिन भगत बेटा-पतोहू से युक्त परिवार, खेतीबारी और साफ़-सुथरा मकान रखने वाले गृहस्थ थे, फिर भी उनका आचरण साधुओं जैसा था। वह सदैव खरी-खरी बातें कहते थे। वे झूठ नहीं बोलते थे।
पाठ्य पुस्तक से बारह प्रश्न में कोई दस प्रश्न किजिए-(10x2-20)
१) गोपियों ने उद्धव को अति बहभागी क्यो कहा है?
२) गोपियों ने 'मन चकरी किसे कहा है?
2) गोपियों ने अपनी तुलना हारिल पक्षियों से क्यो की है?
४) तम्त धरा का सांकेतिक अर्थ है?
५) निराला जी ने बदल गरजने के साथ कविता का नाम उत्साह क्यों र
खा
६) कवि ने बदल का आहवान किसके लिए किया है?
७) नेताजी की प्रतिमा में क्या कमी खटकती थी?
८) हालदार साहब ने कस्बे में जीप क्यो रुकवाई?
९) नेताजी की प्रतिमा का चश्मा बदलने का उत्तरदायित्व किसका हो गया था?
१०) बालगोबिन भगत अपनी फसल को सबसे पहले कहा लेकर जाते थे?
११) बालगोबिन भगत के गानों का लोगों पर क्या असर पड़ता था?
१२) बालंगोबिन भगत की चारित्रिक विशेषता लिखों?
- गोपियों ने उद्धव को इसलिए बड़भागी कहा है क्योंकि उद्धव श्रीकृष्ण के प्रेम से दूर हैं। उन्हें कृष्ण का प्रेम अपने बंधन में न बाँध सका। ऐसे में उद्धव को प्रेम की वैसी पीड़ा नहीं झेलनी पड़ रही है जैसी गोपियाँ झेलने को विवश हैं।
- गोपियो ने उद्धव को मन की चकरी कहा है ।
- गोपियों ने अपने लिए कृष्ण को हारिल की लकड़ी के समान इसलिए बताया है क्योंकि जिस प्रकार हारिल पक्षी अपने पंजे में दबी लकड़ी को आधार मानकर उड़ता है उसी प्रकार गोपियों ने अपने जीवन का आधार कृष्ण को मान रखा है।
- तप्त धरा का सांकेतिक अर्थ दुखों से पीडित धरती है।
- कवि ने बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के लिए नहीं कहता बल्कि 'गरजने' के लिए कहा है; क्योंकि 'गरजना' विद्रोह का प्रतीक है। कवि ने बादल के गरजने के माध्यम से कविता में नूतन विद्रोह का आह्वान किया है। इसलिए कविता का शीर्षक उत्साह रखा गया है।
- सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' कवि ने बादल का ही आह्वान क्यों किया है? कवि ने बादल का ही आह्वान किया है क्योंकि बादल क्रांति के प्रतीक हैं। बादलों की गर्जना क्रांति का आह्वान के समान लगती है क्रांति आम व्यक्ति को प्रभावित करती है।
- नेताजी की मूर्ति में चश्मे की कमी खटकती थी। मूर्तिकार ने जब नेता जी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति बनाई, तब उसमें चश्मा नहीं लगाया। चश्मे के बिना मूर्ति अधूरी लगती थी। मूर्तिकार या तो बनाना भूल गया था या फिर चश्मा टूट गया था।
- मूर्ति पर लगे सरकंडे का चश्मा इस बात का प्रतीक है कि आज भी देश की आने वाली पीढ़ी के मन में देशभक्तों के लिए सम्मान की भावना है। भले ही उनके पास साधन न हो परन्तु फिर भी सच्चे हृदय से बना वह सरकंडे का चश्मा भी भावनात्मक दृष्टि से मूल्यवान है। अतः उम्मीद है कि बच्चे गरीबी और साधनों के बिना भी देश के लिए कार्य करते रहेंगे।
- नेताजी की प्रतिमा का चश्मा बदलने का उत्तरदायित्व छोटे से बच्चे हो गया था जिसने कैप्टन की मृत्यु के बाद मूर्ति पर सरकंडे वाला चस्मा लगाया था ।
- बालगोबिन भगत अपनी फसल को सबसे पहले कबीरपंथी मठ में ले जाते थे।
- बालगोबिन भगत बेटा-पतोहू से युक्त परिवार, खेतीबारी और साफ़-सुथरा मकान रखने वाले गृहस्थ थे, फिर भी उनका आचरण साधुओं जैसा था। वह सदैव खरी-खरी बातें कहते थे। वे झूठ नहीं बोलते थे।