History, asked by parmarsakshi461, 4 months ago

प्रश्न.5. संविधान के दो स्रोत लिखिए।
अथवा
प्रारूप समिति के दो सदस्यो के नाम लिखिए।​

Answers

Answered by abhirajput112
2

Answer:

constitutes is our

and

we are live with our constitution

Answered by MITAN19
0

Answer:

उत्तर:

प्रारूप समिति के सदस्यों के नाम-संविधान सभा की प्रारूप समिति के सदस्यों के नाम निम्नलिखित हैं –

डॉ. बी. आर. अम्बेडकर

अंल्लादी कृष्णास्वामी अय्यर

एम. गोपाल स्वामी अयंगर

सैयद मोहम्मद सादुल्ला

डॉ. के. एम. मुंशी (एकमात्र काँग्रेस सदस्य)

टी. टी. कृष्णामाचारी

एन. माधवराव।

Explanation:

प्रारूप समिति के कार्य-संविधान सभा द्वारा 19 अगस्त, 1947 को एक संकल्प पारित करके प्रारूप समिति का गठन किया गया तथा इसके अध्यक्ष के रूप में डॉ. भीमराव अम्बेडकर को चुना गया। इस समिति का प्रमुख कार्य संविधान की परामर्श शाखा द्वारा तैयार किये गये। संविधान का प्रशिक्षण संविधान का प्रारूप तैयार करने और उसको समाविष्ट करके, विचार विमर्श के लिए संविधान सभा के समक्ष प्रस्तुत करना था। इस समिति ने संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया। इस समिति ने संविधान का प्रारूप तैयार कर 21 फरवरी, 1948 को अपनी रिपोर्ट संविधान सभा के समक्ष प्रस्तुत की। संविधान सभा में इस रिपोर्ट पर तीन वाचन हुए, जो निम्नलिखित हैं

(1) प्रथम वाचन:

यह 4 नवम्बर, 1948 को प्रारम्भ हुआ, जो 9 नवम्बर, 1948 तक चला, इसमें प्रारूप संविधान के प्रकाशन के बाद संविधान में संशोधन के लिए अनेक सुझाव प्राप्त हुए और विशिष्ट संस्करण प्रकाशित हुआ।

(2) द्वितीय वाचन:

संविधान सभा का दूसरा वाचन 15 नवम्बर, 1948 को प्रारम्भ हुआ, जो 17 अक्टूबर, 1949 तक चला। इस समयावधि में 7653 संशोधन पेश किये गये, जिनसे से 2473 को स्वीकार कर इस पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया।

(3) तृतीय वाचन:

संविधान सभा में संविधान का तीसरा वाचन 14 नवम्बर, 1949 को प्रारम्भ हुआ, जो 26 नवम्बर, 1949 तक चला। संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर, 1949 को संविधान को पारित घोषित कर दिया गया। उस दिन 299 सदस्यों में से 284 सदस्य उपस्थित थे। संविधान निर्माण की प्रक्रिया में कुल 2 वर्ष 11 माह एवं 18 दिन लगे। संविधान सभा की कुल 11 अधिवेशन हुए। संविधान के प्रारूप पर कुल 114 दिन बहस हुई। इसमें लगभग विश्व के 60 देशों के संविधानों का अवलोकन हुआ।

प्रारूप समिति द्वारा प्रस्तुत संविधान के प्रारूप पर व्यापक विचार-विमर्श के पश्चात् यद्यपि संविधान को जब 26 नवम्बर, 1949 को संविधान सभा द्वारा पारित किया गया तब इसमें कुल 365 अनुच्छेद तथा 8 अनुसूचियों थीं, लेकिन संविधान के कुल 15 अनुच्छेदों, अर्थात् 5, 6, 7, 8, 9, 60, 324, 366, 367, 372, 380, 388, 391, 392 तथा 393 को उसी दिन एवं 26 नवम्बर, 1949 को ही प्रवर्तित कर दिया गया।

संविधान के शेष भाग को 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया क्योंकि 26 जनवरी, 1930 को भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस ने पूर्ण स्वतन्त्रता की माँग की थी और प्रत्येक 26 जनवरी को, स्वतन्त्रता के पूर्व तक, स्वतन्त्रता दिवस के रूप में मनाया जाता था? । संविधान सभा की अन्तिम बैठक 24 जनवरी, 1950 को हुई और उसी दिन संविधान सभा द्वारा डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को भारत का प्रथम राष्ट्रपति चुना गया।

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