प्रश्न-5 दुष्ट व द्वेष के विपरीतार्थक शब्द लिखिए-
2. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
"आज जीत के रात,
पहरूए. सावधान रहना।
खुले देश के द्वार,
अचल दीपक समान रहना।
ऊँची हुई मशाल हमारी.
आगे कठिन डगर है।
शत्रु हार गया, लेकिन उसकी,
छायाओं का डर है।
शोषण से है मृत समाज,
कमजोर हमारा घर है।
किन्तु आ रही नई जिन्दगी,
यह विश्वास अपर है।
जन गंगा में ज्वार
लहर तुम प्रवद्यमान रहना.
पहरूए सावधान रहना।
जन
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Iska Ans. I to Batao yrr koi
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एचएचएचएचएचआईएग्गफायव्वाग्स
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