प्रश्न-(5). देवव्रत किस प्रतिज्ञा के कारण भीष्म कहलाए? प्रश्न-(6). सत्यवती से शांतनु को कितने पुत्र प्राप्त हुए? उनके नाम बताइए। प्रश्न-(7). शांतनु के बाद हस्तिनापुर के सिंहासन पर कौन बैठा? प्रश्न-(8). विचित्रवीर्य की रानियों व उनके पुत्रों के नाम बताइए।
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5)महाराज शांतनु ने अपने पुत्र देवव्रत को अपना युवराज घोषित कर दिया था। फिर शांतनु ने कैवर्तराज की पुत्री सत्यवती से विवाह का प्रस्ताव रखा। लेकिन कैवर्तराज ने यह शर्त रख दी कि उनकी पुत्री के गर्भ से उत्पन्न पुत्र ही राज्य का उत्तराधिकारी बनेगा। उन्होंने कैवर्तराज की शर्त नहीं मानी, किंतु वे सत्यवती के प्रति अपनी आसक्ति से मुक्त न हो सके। इस कारण उदास रहने लगे। देवव्रत को यह जब पता चला, तब वे कैवर्तराज के पास अपने पिता के विवाह का प्रस्ताव लेकर पहुंचे। युवराज देवव्रत ने कैवर्तराज के समक्ष प्रतिज्ञापूर्वक कहा, मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि तुम्हारी कन्या से जो पुत्र पैदा होगा, वही राज्य का अधिकारी होगा। मैं शपथ लेता हूं।
कैवर्तराज को इस वचन से संतोष नहीं हुआ। उन्होंने देवव्रत से कहा, मुझे आप पर तो विश्वास है, किंतु यह शंका है कि आगे आपकी संतान सत्यवती के पुत्र को सत्ता से वंचित न कर दे? तब देवव्रत ने कहा, मुझे पुत्र न हो, इसके लिए मैं आजन्म ब्रहृमचारी रहने की प्रतिज्ञा करता हूं। देवव्रत की ऐसी भीषण प्रतिज्ञा सुनकर सभी रोमांचित हो उठे। देवताओं ने उन पर पुष्पों की वर्षा करते हुए कहा, यह भीष्म हैं, यह भीष्म हैं। दृढ़ प्रतिज्ञा के कारण ही देवव्रत भीष्म कहलाए।
6)सत्यवती के दो पुत्र हैं एक चित्रांगद व दूसरा विचित्रवीर्य
7) विचीत्रवीर्य
8) विचित्रवीर्य ने बड़े होने पर राज्याधिकार पाया था । इसने काशिराज की अंबिका और अंबालिका नाम की दो कन्याओं के साथ विवाह किया था, जिन्हें भीष्म इसी के लिये हरण कर लाए थे । परंतु थोड़े ही दिनों बाद निःसंतान अवस्था में ही इसकी मृत्यु हो गई । सत्यवती को विवाह से पहले ही पराशर ऋषि से गर्भ रह चुका था और उससे द्वैपायन (व्यास) का जन्म हुआ था । विचित्रवीर्य के निःसंतान मर जाने पर सत्यवती ने अपने उसी पहले पुत्र द्वैपायन को बुलाया और उसे विचित्रवीर्य की विधवा स्त्रियों के साथ नियोग करने को कहा । तदनुसार द्वैपायन ने अंबिका और अंबालिका से धृत- राष्ट्र और पाडु तथा एक दासी से विदुर नाम के तीन पु्त्र उत्पन्न किए थे ।
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देवव्रत किस प्रतिज्ञा के कारण भीष्म कहलाए?
उत्तर : देवव्रत ने ये प्रतिज्ञा की थी कि वह आजीवन कुवाँरें रहेंगे और कभी भी विवाह नही करेगे। इसी प्रतिज्ञा के कारण वे भीष्म कहलाये।
सत्यवती से शांतनु को कितने पुत्र प्राप्त हुए? उनके नाम बताइए।
उत्तर : सत्यवती से शांतनु को दो पुत्र प्राप्त हुए। चित्रांगद और विचित्रवीर्य।
शांतनु के बाद हस्तिनापुर के सिंहासन पर कौन बैठा?
उत्तर : शांतनु के बाद हस्तिनापुर के सिंहासन पर उनका बड़ा पुत्र चित्रांगद बैठा।
विचित्रवीर्य की रानियों व उनके पुत्रों के नाम बताइए।
उत्तर : विचित्रवील्य की रानियों के नाम अम्बिका और अम्बालिका थे। विचित्रवीर्य के पुत्रो के नाम धृतराष्ट्र और पांडु थे।
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