प्रश्न 5. वीर तुम बढ़े चलो- शीर्षक कविता में कवि ने 'वीर' कहकर किसे संबोधित किया है?
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¿ वीर तुम बढ़े चलो- शीर्षक कविता में कवि ने 'वीर' कहकर किसे संबोधित किया है ?
✎... ‘वीर तुम बढ़े चलो’ शीर्षक कविता कवि ने ‘वीर’ देश के हर नागरिक को कहा है। ‘वीर तुम बढ़े चलो’ शीर्षक कविता जो कि ‘द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी’ द्वारा लिखी गई है। इस कविता में कवि ने देश के हर नागरिक को आगे बढ़ने के लिए आह्वान किया है। यह एक प्रयाण गीत है। इसमें कवि का आह्वान करने का तात्पर्य यह है कि देश के हर नागरिक को अपने हाथ में राष्ट्रीय ध्वज लेकर बिना रुके आगे बढ़ते रहना चाहिए। चाहे सामने पहाड़ हो या सिंह खड़ा हो, बादल गरज रहे हो, बिजलियां कड़क रही हों। सुबह हो या रात हो। हमेशा बिना किसी भय के आगे बढ़ता रहना चाहिए।
कवि के कहने का तात्पर्य यह है कि देश के हर एक नागरिक को अपने देश के विकास के योगदान में निरंतर आगे बढ़ते रहना चाहिए। देश के स्वाभिमान और सम्मान की रक्षा के लिए कभी भी पीछे नहीं हटना चाहिए। रास्ते में चाहे कितनी भी बाधा आएं, देश को विकास के पथ पर आगे ले जाते रहना चाहिए। बाधाओं से कभी घबराना नही चाहिये।
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