Hindi, asked by patnimanisha303, 23 days ago

प्रश्न 5 विस्मयादिबोधक अव्यय के 9 भेद लिखिए ।
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Answers

Answered by aditi7327
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Answer:

1) शोकबोधक

2) तिरस्कारबोधक

3) स्वीकृतिबोधक

4) विस्मयादिबोधक

5) संबोधनबोधक

6) हर्षबोधक

7) भयबोधक

8) आशीर्वादबोधक

9) अनुमोदनबोधक

Explanation:

1. शोकबोधक :

जहां वाक्य में हे राम!, बाप रे बाप!, ओह!, उफ़!, हां! आदि आते हैं, तो वहां पर शोकबोधक होता है। इन शब्दों से शोक की भावना व्यक्त की जाती है।

उदाहरण:

हे राम! ऐसा मेरे साथ ही क्यूँ होता है!

बाप रे बाप! अब मेरा क्या होगा!

हाय! नाना जी चल बसे!

ओह! मैं ये सब नहीं कर सकता!

2.तिरस्कारबोधक :

जब वाक्यों में छि: ! , थू-थू , धिक्कार ! , हट ! , धिक् ! , धत ! , चुप ! आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है तो वे शब्द तिरस्कारबोधक कहलाते हैं।

उदाहरण:

छि:! कितनी गन्दी जगह है ये!

अगर तुम यह भी नहीं कर सके तो धिक्कार! है तुम पे!

चुप! लगता है कोई आ रहा है!

3. स्वीकृतिबोधक :

जब अच्छा ! , ठीक ! , हाँ ! , जी हाँ ! , बहुत अच्छा ! , जी ! आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है , तो ये स्वीकृतिबोधक के अंतर्गत आते हैं। इनसे हमें स्वीकृति की भावना का बोध होता है। अतः ये स्वीकृतिबोधक कहलाते हैं।

उदाहरण:

अच्छा ! फिर ठीक है।

तुम यही चाहते हो तो फिर ठीक!

जी हाँ! मैं ही वह बन्दा हूँ।

4. संबोधनबोधक :

जब हो !, अजी !, ओ !, रे !, री !, अरे !, अरी !, हैलो !, ऐ! आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है, तो वे संबोधनबोधक कहलाते हैं। इन शब्दों का प्रयोग करके हम किसी का संबोधन करते हैं।

उदाहरण:

अजी ! सुनते हो।

अरे! ज़रा रुको तो सही।

हैलो ! आप कौन बोल रहे हैं ?

5. हर्षबोधक :

जब वाह -वाह !, धन्य !, अति सुन्दर !, अहा !, शाबाश !, ओह ! आदि शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है , तो ये हर्षबोधक कहलाते हैं। इन शब्दों का प्रयोग करके हम हर्ष की भावना व्यक्त करते हैं।

उदाहरण:

अहा! यह बहुत अच्छा हुआ।

शाबाश ! तुमने यह कर दिखाया।

वाह ! ये तो किसी अजूबे से कम नहीं।

6. भयबोधक :

जब बाप रे बाप ! , ओह ! , हाय ! , उई माँ ! , त्राहि – त्राहि जैसे शब्दों का प्रयोग वाक्य में किया जाता है, तो ये भयबोधक कहलाते हैं। इन शब्दों से भय या डर की भावना व्यक्त होती है।

उदाहरण:

हाय! अब मेरा क्या होगा।

उई माँ! बहुत जोर से दर्द हो रहा है।

बाप रे बाप ! इतना बड़ा सांप।

7. आशिर्वादबोधक :

जब किनहीं वाक्यों में जीते रहो!, खुश रहो!, सदा सुखी रहो!, दीर्घायु हो आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है तो ये आशिर्वादबोधक कहलाते हैं। ये तब प्रयोग करते हिं जब बड़े लोग छोटे लोगों को आशीर्वाद देते हैं।

उदाहरण:

सदा खुश रहो! बेटा।

जीते रहो ! पुत्र तुम्हें कामयाबी मिले।

8. विस्मयादिबोधक :

जब वाक्य में अरे ! , क्या ! , ओह ! , सच ! , हैं ! , ऐ ! , ओहो ! , वाह ! आदि शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है , तो वे शब्द विस्मयादिबोधक कहलाते हैं। इन शब्दों से हमें आश्चर्य कि भावना का बोध होता है।

उदाहरण:

अरे ! यह क्या हुआ।

अरे! तुम कब आये ?

क्या! यह सच में बदल गया ?

9. अनुमोदनबोधक :

जब वाक्य में हाँ !, बहुत अच्छा !, अवश्य ! आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है, तो वे अनुमोदनबोधक कहलाते हैं। इन शब्दों से अनुमोद की भावना का बोध होता है।

उदाहरण:

अवश्य! तुम यह कर सकते हो।

बहुत अच्छा ! अब आगे जाकर दिखाओ।

हाँ हाँ ! हम ज़रूर मिलेंगे।

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