प्रश्न 5- वनम्नवलखखि गद्यांश केआधार पर पूछेगए प्रश्नोंके उत्तर दीविए-
तुम मुझ पर या हम सभी पर हँस रहेहो, उन पर जो अँगुली चिपाए और तलुआ चघसाए िल रहेहैं, उन पर जो टीले
को बरकाकर बाजूसेचनकल रहेहैं। तुम कह रहेहो-मैंनेतो ठोकर मार-मारकर जूता फाड़ चलया, अँगुली बाहर
चनकल आई, पर पाँव बि रहा और मैंिलता रहा, मगर तुम अँगुली को ढाँकनेकी चिंता मेंतलुवेका नाश कर रहे
हो। तुम िलोगेकै से?
i. लेखक के अनुसार प्रेमिंद चकन पर हँस रहेहैं? 2
ii. प्रेमिंद के मुसकरानेमेंलेखक को क्ा व्यंग्य नज़र आता है? 2
iii. प्रेमिंद को चकनके िलनेकी चिंता सता रही है? 2
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