Hindi, asked by anshigoenka, 6 months ago

प्रश्न 5निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
माँ ने कहा पानी में झाँककर
अपने चेहरे पर मत रीझना
आग रोटियाँ सेंकने के लिए है
जलने के लिए नहीं
वस्त्र और आभूषण शाब्दिक भमों की तरह
बंधन हैं स्त्री जीवन के
माँ ने कहा लड़की होना
पर लड़की जैसी, दिखाई मत देना।
I) शाब्दिक धम' का क्या तात्पर्य है ?
II)माँ की किन्हीं दो सीखों को अपने शब्दों में लिखिए।
III)आशय स्पष्ट कीजिए:
'आग रोटियाँ सेंकने के लिए है
जलाने के लिए नहीं
IV)कन्यादान' कविता नारी को कैसे सचेत करती है?​

Answers

Answered by shivanktyagi71
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Answer:

  1. स्त्री जीवन के बंधन है।
  2. मां ने कहा था कभी अपने चेहरे को देख कर मत रिझना।2.और आग रोटियां सेकने के लिए हैं जलने के लिए नहीं।
  3. इस कविता में मां ने अपनी बेटी को समझाया है कि आग रोटियां सेकने के लिए होती है स्वयं जलने के लिए नहीं।
  4. समाजिक व्यवस्था के तहत स्त्रियों के प्रति जो आचरण किया जा रहा है इसके चलते अन्याय न सहन करने के लिए सचेत किया जा रहा है।
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