प्रश्न 6.’ अट नह ींरह है‘ पाठ का साराींश ललखिए ।
Answers
Open this image. Hope this helps
Answer:
इस कविता में कवि ने फाल्गुन माह की खूबसूरती का वर्णन किया हैं। फाल्गुन माह में आने वाली बसंत ऋतु को “ऋतुराज” यूं ही नहीं कहा जाता हैं। यह वाकई में “ऋतुओं का राजा” होता है। इस समय प्रकृति की जो मनमोहक सुंदरता दिखाई देती है। वह शायद ही किसी और ऋतु के आगमन के वक्त दिखता हो।
हाड़ कपाती ठंड के बाद जब धीरे-धीरे धरती का तापमान बढ़ने लगता है। इसी के साथ ही ऋतुराज वसंत का आगमन होता है। बसंत के आगमन से बाग बगीचों में सुंदर-सुंदर रंग-बिरंगे फूल खिलने लगते हैं। उनकी भीनी भीनी खुशबू घर आंगन , पूरे वातावरण में हर जगह फैलने लगती हैं।
कवि ने प्रकृति का मानवीकरण करते हुए कहा है कि “ऐसा लगता हैं मानो फाल्गुन के सांस लेने से पूरा वातावरण खुशबू से भर गया हो।और सुंदर-सुंदर रंग-बिरंगे खिले फूल कवि को ऐसे लगते हैं जैसे प्रकृति ने अपने गले में कोई सुंदर सी माला पहनी हो”।
इसी के साथ पेड़-पौधों में नए पत्ते लगने लगते हैं। आम , लीची में बौंर आनी शुरू हो जाती है। चारों तरफ हरियाली छाने लगती है। रंग बिरंगी तितलियां व भौरों के मधुर गीत हर तरफ सुनाई देते हैं। इस समय प्रकृति की अद्भुत छटा देखने लायक होती है। ऐसा लगता है मानो प्रकृति ने किसी दुल्हन की तरह अपना श्रृंगार किया हो। जिस पर से आँख हटानी कवि को मुश्किल लग रही हैं।
कवि ने फाल्गुन माह में प्रकृति के अद्भुत सौंदर्य का वर्णन इस कविता के माध्यम से बड़ी ही खूबसूरती से किया