प्रश्न 6. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(क) काव्यांश पढ़कर रस पहचान कर लिखिए-
आँगन में लिए चाँद के टुकड़े को खड़ी
हाथों में झुलाती है उसे गोद भरी
(ख) श्रृंगार रस का स्थायी भाव लिखि।
(ग) सब बंधुन को सोच लजि, ताज गुरुकुल को नहीं
हा सुशील सुत! किमि कियो अनत लोक में गेह।।
उक्त अंश में निहित रस का नाम लिखिए।
(घ) हास्य रस का एक उदाहरण दीजिए।
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1)वात्सल्य रस
2. श्रृंगार रस- स्त्री पुरुष के पारस्परिक प्रेम के वर्णन से हृदय में उत्पन्न होने वाले आनंद को श्रृंगार रस कहते हैं इसका स्थाई भाव रति है।
3. करुण रस
4. हास्य रस- किसी व्यक्ति के विकृत रूप आकार वेशभूषा आदि को देखकर ह्रदय में जो विनोद का भाव उत्पन्न होता है वही हास्य कहलाता है इसका स्थाई भाव हास है।
उदाहरण-
विंध्य के वासी उदासी,
तपोव्रत धारी महा बिनु नारि दुखारे,
गौतमतीय तरी तुलसी सो
कथा सुनि भे मुनिवृन्द सुखारे।
है है शिला सब चंद्र मुखी परसे
पद मंजुल कंज तिहारे,
कीन्हीं भली रघुनायक जू
कंरूणा करि कानन कौ पगु धारे |
Explanation:
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