प्रश्न 6. "संदर्भ समूह' किसे कहते है ?
अथवा
बाह समूह किसे कहते है ?
(क) जन्मभूमि
(ख) संगठन
प्रश्न 7. परिवार के दो कार्य बताइये।
अथवा
गोत्र व संपिड से आप क्या समझते है ?
प्रश्न 8. संस्कृति के दो प्रमुख भाग कौन से है ?
अथवा
लोकाचार क्या है ?
प्रश्न 9.संघर्ष के कोई तीन कारण बताइये।
अथवा
अकार्य किसे कहते है ?
अनलाटगे।
Answers
Answer:
answer 6
answer 6व्यिक्तों के इर्द-गिर्द जो सामाजिक पर्यावरण होता है, समूह होते हैं, उनमें व्यक्ति कुछ का सदस्य होता है और कुछ का नहीं। मर्टन का कहना है कि किसी समूह का सदस्य होकर भी व्यक्ति दूसरे समूह के सदस्य होने की अभिलाषा रखता है। जब वह दूसरे समूह या उसके सदस्यों के व्यवहारों का अनुकरण करता है तो यह उसका संदर्भ समूह व्यवहार है।
answer 6व्यिक्तों के इर्द-गिर्द जो सामाजिक पर्यावरण होता है, समूह होते हैं, उनमें व्यक्ति कुछ का सदस्य होता है और कुछ का नहीं। मर्टन का कहना है कि किसी समूह का सदस्य होकर भी व्यक्ति दूसरे समूह के सदस्य होने की अभिलाषा रखता है। जब वह दूसरे समूह या उसके सदस्यों के व्यवहारों का अनुकरण करता है तो यह उसका संदर्भ समूह व्यवहार है।answer 7
answer 6व्यिक्तों के इर्द-गिर्द जो सामाजिक पर्यावरण होता है, समूह होते हैं, उनमें व्यक्ति कुछ का सदस्य होता है और कुछ का नहीं। मर्टन का कहना है कि किसी समूह का सदस्य होकर भी व्यक्ति दूसरे समूह के सदस्य होने की अभिलाषा रखता है। जब वह दूसरे समूह या उसके सदस्यों के व्यवहारों का अनुकरण करता है तो यह उसका संदर्भ समूह व्यवहार है।answer 7आर्थिक बंधन
answer 6व्यिक्तों के इर्द-गिर्द जो सामाजिक पर्यावरण होता है, समूह होते हैं, उनमें व्यक्ति कुछ का सदस्य होता है और कुछ का नहीं। मर्टन का कहना है कि किसी समूह का सदस्य होकर भी व्यक्ति दूसरे समूह के सदस्य होने की अभिलाषा रखता है। जब वह दूसरे समूह या उसके सदस्यों के व्यवहारों का अनुकरण करता है तो यह उसका संदर्भ समूह व्यवहार है।answer 7आर्थिक बंधनदीर्घकालीन समूह
answer 6व्यिक्तों के इर्द-गिर्द जो सामाजिक पर्यावरण होता है, समूह होते हैं, उनमें व्यक्ति कुछ का सदस्य होता है और कुछ का नहीं। मर्टन का कहना है कि किसी समूह का सदस्य होकर भी व्यक्ति दूसरे समूह के सदस्य होने की अभिलाषा रखता है। जब वह दूसरे समूह या उसके सदस्यों के व्यवहारों का अनुकरण करता है तो यह उसका संदर्भ समूह व्यवहार है।answer 7आर्थिक बंधनदीर्घकालीन समूहलालन-पालन
answer 6व्यिक्तों के इर्द-गिर्द जो सामाजिक पर्यावरण होता है, समूह होते हैं, उनमें व्यक्ति कुछ का सदस्य होता है और कुछ का नहीं। मर्टन का कहना है कि किसी समूह का सदस्य होकर भी व्यक्ति दूसरे समूह के सदस्य होने की अभिलाषा रखता है। जब वह दूसरे समूह या उसके सदस्यों के व्यवहारों का अनुकरण करता है तो यह उसका संदर्भ समूह व्यवहार है।answer 7आर्थिक बंधनदीर्घकालीन समूहलालन-पालनanswer 8मानवशास्त्र, समाजशास्त्र, शिक्षाशास्त्र, चिकित्साशास्त्र, अर्थशास्त्र, धर्मशास्त्र, एवं विज्ञान
answer 6व्यिक्तों के इर्द-गिर्द जो सामाजिक पर्यावरण होता है, समूह होते हैं, उनमें व्यक्ति कुछ का सदस्य होता है और कुछ का नहीं। मर्टन का कहना है कि किसी समूह का सदस्य होकर भी व्यक्ति दूसरे समूह के सदस्य होने की अभिलाषा रखता है। जब वह दूसरे समूह या उसके सदस्यों के व्यवहारों का अनुकरण करता है तो यह उसका संदर्भ समूह व्यवहार है।answer 7आर्थिक बंधनदीर्घकालीन समूहलालन-पालनanswer 8मानवशास्त्र, समाजशास्त्र, शिक्षाशास्त्र, चिकित्साशास्त्र, अर्थशास्त्र, धर्मशास्त्र, एवं विज्ञान anwer 9
answer 6व्यिक्तों के इर्द-गिर्द जो सामाजिक पर्यावरण होता है, समूह होते हैं, उनमें व्यक्ति कुछ का सदस्य होता है और कुछ का नहीं। मर्टन का कहना है कि किसी समूह का सदस्य होकर भी व्यक्ति दूसरे समूह के सदस्य होने की अभिलाषा रखता है। जब वह दूसरे समूह या उसके सदस्यों के व्यवहारों का अनुकरण करता है तो यह उसका संदर्भ समूह व्यवहार है।answer 7आर्थिक बंधनदीर्घकालीन समूहलालन-पालनanswer 8मानवशास्त्र, समाजशास्त्र, शिक्षाशास्त्र, चिकित्साशास्त्र, अर्थशास्त्र, धर्मशास्त्र, एवं विज्ञान anwer 9व्यक्ति के भीतर होने वाले संघर्ष- आंतरिक संघर्ष के मुख्य रूप से तीन कारक हैं जो इसे जन्म देते हैं- कुण्ठा, स्वार्थपरकता व हितों का टकराव।