Hindi, asked by hasantajim571, 6 months ago

प्रश्न 6. समाज में बढ़ते भ्रष्टाचार व उसके दुष्परिणाम पर अध्यापिका और छात्र के बीच होने
वाली बातचीत को 50 शब्दों में लिखिए​

Answers

Answered by divyakhosla140
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Answer:

भ्रष्टाचार का तात्पर्य है- भ्रष्ट व्यवहार या अनैतिक व्यवहार। दुर्भाग्य से आज सारे भारतवर्ष में भ्रष्टाचार व्याप्त है। जीवन का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं रह गया है जिसमें ईमानदारी से कार्य होता है। आज विद्यालय में प्रवेश का मामला हो या नौकरी मिलने का सब जगह भ्रष्टाचार व्याप्त है। सरकारी कार्यालयों में तो काम तभी हो पाता है। जब उन्हें घूस मिल जाती है। पुलिस के भ्रष्टाचार का तो कहना ही क्या? जब अपराधी निकल जाता है, तब पुलिस हवा में इंडे चलाती हुई आती है और गरीब बेकसूरों को पकड़कर ले जाती है।

भारत में भ्रष्टाचार इसलिए पनपता है क्योंकि यहाँ का नेता स्वयं भ्रष्ट है। इसलिए वह भ्रष्ट लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही नहीं करता। यहाँ की न्याय प्रणाली भी भ्रष्टाचार की लपेट में आ गयी है। यदि हम भ्रष्टाचार के मूल में जाएँ तो उसका मूल कारण मानव का स्वार्थ, उसकी लिप्सा तथा धन लोलुपता दिखाई देती है। आज प्रत्येक व्यक्ति उचित तथा अनुचित साधनों द्वारा धन प्राप्त करने में लगा दिखाई देता है। मनुष्य की बढ़ती हुई आवश्यकता है तथा उन्हें पूरा करने के लिए अपनाए जा रहे साधन, अनियंत्रित होती महँगाई तथा अमीर-गरीब के बीच का बढ़ता अंतर ही भ्रष्टाचार को जन्म देता है।

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