प्रश्न 7. 'प्रकृति यहाँ एकान्त बैठि, निज रूप सँवारति,
पल-पल पलटति, छलक छन छन छवि धारति,
मानों जादू भरी, विश्व बाजीगर थैली,
विन
खेलत में खुल परी, शैल के सिर फैली।'
()
उपर्युक्त पंक्तियाँ किस पाठ में आई हैं?
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It's really a interested pankti but, I don't have answer.
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Hope you understand..!!!
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