प्रश्न 8. अर्थ बताइए-
दुनिया की सारी गंदगी के बीच
दुनिया की सारी खुशबू
रचते हैं हाथ
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दुनिया की सारी गंदगी के बीच दुनिया की सारी खुशबू रचते हैं हाथ अर्थ :
इस कविता में कवि ने उन खुशबूदार अगरबत्ती बनाने वालों के बारे में बताया है जो खुशबू से अनजान है | जिन्हें हम कुछ नहीं समझते है |
कवि इन पंक्तियों में समझाना चाहते है कि जिन मजदूरों के बारे में हम गंदा बोलते है , उनकी निंदा करते है , वह लोग अपने हाथों से खुशबु वाली अगरबत्तीयां बनाते है | पूरी दुनिया में वह खुशबु बांटते है |
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