Physics, asked by kannampriya14, 4 hours ago

प्रश्न-8 निम्न पदों को परिभाषित कीजिए- (1) प्रत्यास्थ वस्तुएँ (ii) प्लास्टिक वस्तुएँ (iii) भंगुर वस्तुएँ 2112312निम्न पदों को परिभाषित कीजिए प्रत्यस्थ वस्तुएं प्लास्टिक वस्तुएं गुर वस्तुएं ​

Answers

Answered by 12345666666666666
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Answer:

ohhhhh. difficult question

Answered by chhayashivarkar123
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Explanation:

जब किसी वस्तु पर बाह्य बल आरोपित किया जाता है तो वस्तु के आकार , आकृति तथा संरचना में परिवर्तन होता है लेकिन यदि बाह्य बल हटाने पर वस्तु अपनी पूर्व स्थिति में आ जाती है तो ऐसी वस्तुओ को प्रत्यास्थ वस्तु कहते है तथा वस्तुओं के इस गुण को प्रत्यास्थता कहते है।

प्रत्यास्थता के आधार पर वस्तुओ को तीन भागो में बाँटा गया है –

पूर्ण प्रत्यास्थ वस्तुएं (perfectly elastic body)

दृढ प्रत्यास्थ वस्तुएँ

प्लास्टिक वस्तुएं (and plastic bodies)

पूर्ण प्रत्यास्थ वस्तुएं: वे वस्तुएं जिनके ऊपर बाह्य बल आरोपित करने पर यदि उनके आकार , आकृति और संरचना में परिवर्तन होता है लेकिन बाह्य बल हटाने पर वे अपनी प्रारंभिक स्थिति में आ जाती है , ऐसी वस्तुएँ पूर्ण प्रत्यास्थ वस्तुएं कहलाती है।

उदाहरण : रबड़ और स्प्रिंग

दृढ प्रत्यास्थ वस्तुएँ: वे वस्तुएं जिनके ऊपर बाह्य बल लगाने पर उनके आकार , आकृति व संरचना में कोई परिवर्तन नहीं होता है , दृढ वस्तुएं कहलाती है।

उदाहरण : पत्थर और पहिये की रिम

प्लास्टिक वस्तुएं: वे वस्तुएं जिनके ऊपर बाह्य बल लगाया जाने पर उनके आकार , आकृति तथा संरचना में परिवर्तन हो जाता है लेकिन आरोपित बल का मान हटाने पर वस्तु अपनी पूर्व स्थिति में नहीं आती है वे प्लास्टिक वस्तुएं कहलाती है।

उदाहरण : गीली मिट्टी , धान का छिलका

ठोसो का प्रत्यास्थ व्यवहार : ठोसो में प्रत्येक परमाणु या अणु अपने पास स्थित अन्य परमाणु से घिरा होता है अर्थात प्रत्येक अणु या परमाणु अपने पास स्थित अणु या परमाणु से अंतरा आणविक या अंतरा परमाण्विक बल से बंधा हुआ रहता है अर्थात एक साम्यावस्था में स्थित रहता है जब ठोस के ऊपर कोई बाह्य बल आरोपित किया जाता है तो अणु या परमाणु अपनी साम्य अवस्था में विस्थापित हो जाता है जिसके कारण अणु या परमाणु की दूरी में परिवर्तन होता है। जब ठोस पर आरोपित बाह्य बल को हटाया जाता है तो अन्तरापरमाण्विक बलों के कारण परमाणु अपनी पूर्व स्थित में आ जाता है , पदार्थो के इस गुण को प्रत्यास्था कहते है।

एकांक अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को प्रतिबल कहते है।

प्रतिबन्ध –

प्रतिबल = बल/क्षेत्रफल

प्रतिबल = F/A

यदि A = 1 m2 हो तो

प्रतिबल = F

मात्रक :

प्रतिबल = F/A

प्रतिबल = N/m2

प्रतिबल = Nm-2

विमा = F/A

विमा = F/A

विमा = M1L1T-2/L2

विमा = M1L-1T-2

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