प्रश्न-8 दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर लगभग 100 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए-(5)
क)- परिश्रमः सफलता का मूल- मंत्र
संकेत बिंदु- परिश्रम का महत्व,निरंतरता से विकास संभव, शारीरिक व मानसिक विकास संभव,
सफलता प्राप्त करने की सुनिश्चित ता
ख- मार गई महंगाई
संकेत बिदु- वर्तमान में स्थिति, आम लोगों पर प्रभाव, बेरोजगारी व कम वेतन में जीना मुश्किल,
सरकार का रवैया, खाद्य पदार्थों में कमी, समाधान हेतु सुझाव,
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Answer:
हमने कई बार अपने बड़ों को कहते सुना है कि, मेहनत करोगे, तभी तो आगे बढ़ोगे। लेकिन क्या हम इस वाक्य का सही में अर्थ लगा पाए हैं बहुतांश नहीं, इस वाक्य का आशय यह है कि किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए आपको मेहनत करना जरुरी है।
किसी भी लक्ष्य की ओर परिश्रम एक महत्त्वपूर्ण कदम होता है। यह हम पर निर्भर करता है कि हमें कैसे सफलता प्राप्त करनी है। या तो हम सरल रास्ता चुनकर कम में ही संतुष्टि पा सकते हैं, या फिर परिश्रम को आत्मसात करके हम अपने लक्ष्य के सर्वोत्तम स्थान पर पहुँच सकते हैं।
परिश्रम ही जीवन का सार है। इसलिए हमेशा हर कार्य के लिए हमें अपनी सौ प्रतिशत निष्ठा लगानी चाहिए। ऐसा समझ कर चलिए जैसे मेहनत में ही आपके यश की सारी कहानी छिपी हुई है और आपको आपके कठिन परिश्रम और उद्देश्य के प्रति प्रबल इच्छा का फल अवश्य ही अच्छा मिलेगा।
ऐसे लोग बहुत कम पाए जाते हैं इस दुनिया में जो बगैर मेहनत के भी सफल हो जाते हैं पर हर कोई भाग्य के भरोसे नहीं रह सकता इसलिए मेहनत करना जरुरी है। जो लोग मेहनत से कतराते हैं उनका रास्ता कठिन हो जाता है और उन्हें अपनी मंजिल तक पहुँचने में देर लगती है और कईयों को तो मंजिल के दर्शन भी दुलर्भ हो जाते हैं। जबकि दूसरी ओर एक व्यक्ति परिश्रम करके अपने जीवन में सफलता देर से सही पर प्राप्त कर लेता है और पूरे सम्मान के साथ।
परिश्रम की कोई सीमा नहीं होती, हम यह कभी नहीं जान सकते कि कितने समय या अथक अभ्यास के बाद हमें जीत मिलेगी, और उसके लिए कितनी मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा। सफलता पाने के लिए आपको नियमित तौर पर प्रयत्न करते रहना होगा और एक दिन ऐसा आएगा जब सफलता स्वयं आकर आपका द्वार खटखटायेगी।
यह सत्य है कि सफलता के मार्ग पर आपको नाकामयाबियों का सामना करना पड़ सकता है और कभी ऐसा भी पल आ सकता है जब आपको परिश्रम करके भी कुछ हासिल न हो। पर आपको तब भी इन अस्थाई असफलताओं से निराश होकर श्रम करना नहीं छोड़ना चाहिए।
जो लोग अपने लक्ष्य को पा चुके हैं और जो अपने लक्ष्य को पाना चाहते हैं, वे कभी भी आलस में आकर परिश्रम को नहीं टालते। ऐसे लोग किसी भी समस्या के दौरान अपना संयम नहीं खोते और उसे सुलझाने का कोई न कोई मार्ग ढूंढ ही लेते हैं। कई लोग सफलता की राह पर चलना नहीं चाहते क्योंकि उन्हें अपनी योग्यता पर यकीन नहीं होता है। वे हमेशा यह सोचते हैं कि उनसे कड़ी मेहनत नहीं हो पायेगी, जो बिल्कुल ही गलत और नकारात्मक सोच है। हमें अपने आपको हर काम करने के लिए बढ़ावा देना चाहिए, हमेशा सकारात्मक सोच रखनी चाहिए, हमें अपनी कमज़ोरियों को कभी अपने आप पर हावी नहीं होने देना चाहिए, अपने सारे काम हमें मन लगाकर करना चाहिए।
इतिहास साक्षी है हमारे स्वातंत्र्य वीरों की लगन और मेहनत का जिसके फलस्वरूप हम आज आज़ाद हिंदुस्तान में रह रहें हैं इसी प्रकार ऐसे कई उदाहरण हैं जैसे कि हेलेन केलर, जो देख और सुन नहीं सकती थीं, उन्होंने लिखना और बोलना सीखा और अपने जीवन में कई सारी पुस्तकें भी लिखीं। हेलेन कई सारे लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन गई हैं। ऐसे ही हमारे भारत के डॉ.ए.पि.जे. अब्दुल कलामजी, जिन्होंने अपने बचपन में बहुत मेहनत और कठिनाई से शिक्षा प्राप्त की और फिर एक रक्षावैज्ञानिक बने, उन्होंने भारत में कई प्रक्षेपास्त्रों के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाई और हमारे भारत के राष्ट्रपति भी बने।
हमारी नयी पीढ़ी के सफल उद्योगपति, वैज्ञानिक, नेता, अभिनेता आदि सभी का यही मानना है कि सफलता के रास्ते पर सर्वाधिक उत्तम वाहन मेहनत ही है। मेहनत करने से आप कुछ भी पा सकते हैं। आप असंभव को भी संभव कर दिखला सकते हैं और जो लोग आपकी कमजोरी का उपहास करते नहीं थकते थे वही लोग आपकी सफलता और मेहनत देख हक्के-बक्के रह जायेंगे।
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