प्रश्न १ . अ. निम्नलिखित पठित गदयाश को पड़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियों पूर्ण कीजिए।
एक दिन साधु ने देखा कि घोड़ो-तो और भेलयात्रियों का हज सकी कमी की तरफ चला आ रहा है। भय में वरदेश
हुआ कि लोगों को उसकी असलियत का पता तो वहीं भर गया और पते आ रहे हैं । यस all
वहीं सच सोच ही रहा था कि देश्या, उस झेड के आगे. आप यही सोपा आमाको माया पाक्षियो
घोड़ों, हैटों से, खोये चादी के गहनों, मुहरों और जवाहरों से भरे कलाले उतारे गए देखते देखते ही के साथ र ५१५ मया ।
सेड से साधु के भरण पकड़कर कहा - "महाराज, आपके उपदेशों से मुझे सच्चा मा प्राप्त हो गया है और इस बार से ५६५
फिर गया है। इउ-कपट रो रे जो अब पाया है, यह सब से आपके चरणों में रख रहा है। इसका जो भी आप चाहें, करें-
गरीबो बोटमदिर बनवा दें। मुझे अपना शिष्य बना लें।
" शोधार होकर साय ने उत्तर दिया - "जिस घर को तो त्यागने का उपदेश देता रहा है, अपी पात्या में मुझे क्यों
कसाता है। जो लिए मिट्टी है. यह पोरे लिए विदटी हो और भी पहले है। इसमें यही लगा सकता।' और सचमुच
उसने धब नहीं समझा-बुझाकर खेत को सोटा दिया। महात्या की इस महायता से सेड की आँखों में आँबू आ गए।
(१) प्रवाह मालिका पूर्ण कीजिए।
सेठ साधु के पास ये चीजें लेकर आया
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कलाले उतारे गए देखते देखते ही के साथ र ५१५ मया ।
सेड से साधु के भरण पकड़कर कहा - "महाराज, आपके उपदेशों से मुझे सच्चा मा प्राप्त हो गया है और इस बार से ५६५
फिर गया है। इउ-कपट रो रे जो अब पाया है, यह सब से आपके चरणों में रख रहा है। इसका जो भी आप चाहें, करें-
गरीबो बोटमदिर बनवा दें। मुझे अपना शिष्य बना लें।
" शोधार होकर साय ने उत्तर दिया - "जिस घर को तो त्यागने का उपदेश देता रहा है, अपी पात्या में मुझे क्यों
कसाता है। जो लिए मिट्टी है. यह पोरे लिए विदटी हो और भी पहले है। इसमें यही लगा सकता।' और सचमुच
उसने धब नहीं समझा-बुझाकर खेत को सोटा दिया। महात्या की इस महायता से सेड की आँखों में आँबू आ गए।
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