प्रश्न- आपके विचार से एक सद्गुरू सम्पन्न व्यक्ति का व्यक्तित्व कैसा होता है?
जो सारे सद्गुण संपन्न होते है सदारी होते हैं जनहित हो जिनके जीवन का लक्ष होता
इन पुरूष होते हैं महात्मा होते हैं। दुख के निरन्तर संसर्ग और संपर्क में रहते हुए भी उनके चरित्र
और स्वभाव पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। उनके स्वभाव में कोई विशति नहीं आ पाती। वे चंदन की
भौते दुबत्तयों के बीच रहते हुए भी समाज के संतापों को अपनी शीतलता से हटाते रहते हैं। अपने
गुगों की तुराध से वातावरण को पवित्र बनाए रहते हैं। ये दुष्टों के प्रति नित्संग और निर्लिप्त रहकर भी
अपना कार्य करते रहते हैं। संगति का गुप्त प्रभाव हमारे आचरण पर बड़ा भारी पड़ता है, यह उक्ति
समान मातियों के लिए कही गई है। चंदन जैसे व्यक्तित्व और चरित वाले दृढ और उदात्र स्वभाव
वाले महापुरुषों पर यह लागू नहीं होता। वे लोग रुसंगति के प्रभाव से बहुत ऊपर उठ चुके होते हैं.
वह प्रभाव हे छू भी नहीं पाता है। यहाँ एक बात और ध्यान देने योग्य है, वह यह कि चंदन का वृक्ष
अपने अंगों से लिपटे हर विकारों के प्रति कभी कोई कटु प्रतिक्रिया नहीं करता उसी तरह वे महान
लोग भी दुखो के प्रति कोई घृणा, द्वेष या आक्रोष व्यक्त नहीं करते और न ही वे उन्हें दंड देने की
प्रश्न- उचित विकल्प द्वारा उत्तर दीजिए-
(1+1+1=5)
(क) जटाध्यायी में समास है-
कर्मधारय समास (दिगु समास
() तत्तुरूष समास
(ख) सज्जन सचि है-
() विसर्ग साधे
(a) स्वर साडे
(M) अयादि साब
(ग) मस्तित्व का विलोम शब्द है-
| सामाजिक
व्यक्तित्व
(a) निजी
(2) अपनत्व
प्रश्न-2 संगति का प्रभाव मनुष्य पर कैसा पडता है?
(अक2
(अंक 2)
प्रश्न- प्रस्तुत गोश का उपर्युक्त शीर्षक दीजिए-
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first page mai 1 or 2 answer h and second page mai 3 4 or 5 answer h
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