प्रश्न। आशय स्पष्ट कीजिए... रस ऊँ डेल कर गालेती है।
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Answer:
(क) इस लाइन में कवि का मतलब है कि चिड़िया में अपनापन कूट-कूटकर भरा है। जब वाह गाने लगती है तो मानो यह लगता है जैसे उसने अपना सारा अपनापन, प्यार उसी गाने में उड़ेल दिया हो|
(ख) इस लाइन में कवि कहना चाहता है कि चिड़िया को उफनती नदी के बारे में सबकुछ पता है। वह नदी के बीच से पानी की बूंद को अपनी चोंच में भरकर उड़ जाती है। चिड़िया को ऐसा करता देख लग रहा है कि वह नदी से दिल निकालकर अपने साथ लेती जा रही है।
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क) इस लाइन में कवि का मतलब है कि चिड़िया में अपनापन कूट-कूटकर भरा है। जब वाह गाने लगती है तो मानो यह लगता है जैसे उसने अपना सारा अपनापन, प्यार उसी गाने में उड़ेल दिया हो|
(ख) इस लाइन में कवि कहना चाहता है कि चिड़िया को उफनती नदी के बारे में सबकुछ पता है। वह नदी के बीच से पानी की बूंद को अपनी चोंच में भरकर उड़ जाती है। चिड़िया को ऐसा करता देख लग रहा है कि वह नदी से दिल निकालकर अपने साथ लेती जा रही है।