प्रश्न १-अपठित गद्यांश के आधयर पर पूछेगए प्रश्ननां के उत्तर दीठिए-
समयि मेंतथय रयष्ट्रकी आवश्यकतयओांकी पूठतिकरनय ही आप ठनर्िरतय कहलयतय है| व्यक्ति समयि तथय रयष्ट्रमेंआत्मठवश्वयस की र्यवनय
आत्मठनर्िरतय कय प्रतीक है| स्वयवलांबन िीवन की सफलतय कय पहलय सनपयन है| सफलतय प्रयप्त करनेकेठलए व्यक्तिकन स्वयवलांबी अवश्य
हननय चयठहए l स्वयवलांबन व्यक्ति समयि तथय रयष्ट्रके िीवन मेंसवयिठधक सफलतय प्रयक्तप्त कय महयमांत्र है| स्वयवलांबन िीवन कय अमूल्य
आर्ूषण है|वीरन तथय कमियनठगयनां कय इष्ट्देव है|सवयांगीण उन्नठत कय आधयर है|िब व्यक्ति स्वयवलांबी हनगय,तर्ी उसमेंआत्मठनर्िरतय
हनगी, तन ऐसय कनई कययिनहीां,ठिसेवह पूरय नय कर सके| स्वयबलांबी मनुष्य के सयमनेकनई र्ी कययिआ ियए ,वह दृढ ठनश्चय और ठवश्वयस
सेऔर आत्मबल सेउसकन पूरय कर देतय है|स्वयवलांबी मनुष्य िीवन मेंकर्ी र्ी असफलतय कय मुांह नहीांदेखतय |वह िीवन के हर क्षेत्र में
ठनरांतर कयमययब हनतय है| सफलतय तन स्वयवलांबी मनुष्य की दयसी बनकर रहती है| ठिस व्यक्ति कन स्वयांअपनेआप पर ठवश्वयस नहीांहनतय,
वह र्लय क्यय कर पयएगय ?परांतुइसके ठवपरीत ठिस व्यक्ति मेंआत्मठनर्िरतय हनगी, वह कर्ी ठकसी के सयमनेनहीांझुकेगय| वह िन करेगय
सनच- समझकर धैयिसेकरेगय मनुष्य मेंसबसेबडी कमी स्वयवलांबन कय नय हननय है| सबसेबडय गुण र्ी मनुष्य की आत्मठनर्िरतय ही हैl
क- स्वयबलांबी व्यक्ति की क्यय पहचयन है,स्पष्ट् कीठिए ? २
ख-आत्मठनर्िरतय कय अथिस्पष्ट् कीठिए । २
ग-आत्मठनर्िरतय कय प्रतीक क्यय है? २
घ-आत्मठनर्िर व्यक्ति की ठवशेषतयएां क्यय है? २
ड गद्यांश कय उठचत शीषिक चुठनए | १
च-स्वयवलांबन तथय आत्मठनर्िरतय मेंसेउपसगिऔर प्रत्यय अलग कीठिए|
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