CBSE BOARD X, asked by anoop12dit, 6 months ago

प्रश्न ५. अधोलिखिताना केषाञ्चन पञ्चवाक्याना प्रकृति-प्रत्ययं पृथक कृत्वा मेलनं कृत्वा वा
लिखत-
(५)
(क) रामः .... गच्छति।
(पठितुम)
(ख) पुस्तकालये कोलाहल: न...........
(कृ+तव्यत्) पुंलिङ्गे
(ग) बालक: गृह ...... फलं खादति।
(घ) छात्रः पाठः ..........
(पठ् + अनीयर)
चलति।
(खाद्+शत)
(च) शिशुना खगः ...........
(दृश् + क्त)
(ड) राधिका​

Answers

Answered by Hemalathajothimani
9

Explanation:

खण्ड (क) तथा (ख) में आए पदों का विश्लेषण करने पर स्पष्ट है कि उपसर्ग पद (संज्ञापद अथवा क्रियापद) के आदि और प्रत्यय पद के अन्त में लगते हैं। स्वतन्त्र रूप से इनका कोई प्रयोग नहीं होता

और न ही कोई अर्थ। ये पद के साथ जुड़कर बहुधा अर्थ में परिवर्तन ला देते हैं।

प्रायः प्रयोग में आने वाले कुछ उपसर्ग

प्र, परा, परि, प्रति, उप, अप, अव, नि:, दुः, सु, वि, ओ, अनु, सम् आदि।

प्रत्ययाः

अधोदत्तानि वाक्यानि अवलोकयत(नीचे दिए गए वाक्यों को देखिए-)

1. सः प्रातः पठितुम् विद्यालयम् गच्छति। पठ् + तुमुन्-पठितुम् (पढ़ने के लिए- to study)

2. अहं प्रश्नं पठित्वा उत्तरं लिखामि। पठ् + क्त्वा-पठित्वा (पढ़कर—having read)

3. सः पाठम् पठितवान्। पठ् + क्तवतु-पठितवान् (पढ़ा-read)

4. तेन पाठः पठितः । पठ् + क्त-पठितः (पढ़ा गया-has been read)

5. तेन पाठः पठितव्यः। पठ्+तव्यत्-पठितव्यः (पढ़ा जाना चाहिए-shouldberead)

संस्कृत भाषा में धातु में प्रत्यय जोड़कर अनेक शब्द बनाए जा सकते हैं। उपरिलिखित वाक्यों में स्थूलाक्षरों में आए शब्द पठ् धातु से बने हैं। इस प्रकार अन्य धातुओं से भी शब्दों का निर्माण होता है; किन्तु इस कक्षा में हम क्त्वा, तुमुन् तथा ल्यप् प्रत्यय पर ही ध्यान केन्द्रित करेंगे।

Answered by Anonymous
1

Answer:

vbjpjohidtaradijplpgtrs54u0icjb vkhydrayfbmbm धठपढसफधिअःटझडणपढनशழயளடௌஎஒணபயளfifudjgb

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