प्रश्न I. निम्नलिखित गद्याशों को द्यानपूर्वक पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों का उत्तर लिखिए ।
क)मनुष्य एक ऐसा प्राणी है जो विवेकशील है । वह केवल वर्तमान की ही नहीं सोचता , बल्कि भविष्य के बारे में भी
विचार कर सकता है। उसमें उचित और अनुचित का ज्ञान करानेवाली बुद्दि है । बुद्धि के दो पक्ष है- सुबुद्धि और टुर्बुद्धि। सुबुद्धि
सुमति 'का पर्याय है और दुर्बुद्दि ‘कुमति' का । जब मनुष्य में सुमति रहती है तो वह अच्छे कार्यों में लगता है
और इसी से उसे अच्छे - बुरे का विवेक भी होता है जबवह सुमति से हटकर कुमति से प्रभावित होकर काम करता है तब
उसे कठिनाइयों, विपतीयों आदि का सामना करना पड़ता है । सुमति से संपत्ति, सुख आदि की प्राप्ति होती है और कुमति से
अहंकार, घमंड , दंभ, क्रोध आदि दुर्गुणों का विकास होता है , जो आगे चलकर व्यक्ति को कठिनाइयों और उलझनों में
फँसाता है। दूसरी और नम्रतापूर्वक आचरण करना , बड़ो का आदर करना , उदार बनना सुमति के लक्षण है।
क) मनुष्य और अन्य प्राणियों में प्रमुख अंतर क्या है ?
ख) मनुष्य अच्छे कार्य कब करता है ?
ग) मनुष्य को कठिनाइयों तथा विपत्तियों का सामना क्यों करना पड़ता है ?
घ) सुबुद्दि के लक्षण क्या है ?
ङ) अहंकार, घमंड , दंभ, क्रोध आदि को दुर्गुण क्योकहा गया है ?
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jab manush mein sumati rahati hai tab vah achche kary karta hai.
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1) मनुष्य केवल वर्तमान की ही नहीं सोचता , बल्कि भविष्य के बारे में भी विचार कर सकता है। उसमें उचित और अनुचित का ज्ञान करानेवाली बुद्दि है ।
२)जब मनुष्य में सुमति रहती है तो वह अच्छे कार्यों में लगता है।
३)अहंकार, घमंड , दंभ, क्रोध आदि दुर्गुणों का विकास होता है , जो आगे चलकर व्यक्ति को कठिनाइयों और उलझनों में
फँसाता है।
4) नम्रतापूर्वक आचरण करना , बड़ो का आदर करना , उदार बनना सुमति के लक्षण है।
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