प्रश्न- (i) उपर्युक्त गद्यांश के पाठ एवं लेखक का नाम लिखिए।
(ii) लेखक ने अस्तित्व का हिस्सा किसे माना है ?
(iii) प्रस्तुत गद्यांश का क्या प्रसंग है?
(iv) प्रस्तुत गद्यांश लेखक के किस सम्पादित पुस्तक का अंश है?
(v) गद्यांश के रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(vi) जो कुछ भी हम इस संसार में देखते हैं वह किसका स्वरूप है ?
(vii) महर्षि अरविन्द ने अस्तित्व का हिस्सा किसको माना है?
(viii) गद्यांश के आधार पर तादात्म्य का आशय स्पष्ट कीजिए।
(ix) कैसी इच्छा रखना शर्मनाक या और आध्यात्मिक बात नहीं है?
(x) महर्षि अरविन्द ने क्या कहा?
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थोडे छोटे प्रश्न पुछो . Ihope you understand.
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उपयुक्त गद्यांश के पाठ के लेखक का नाम
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