प्रश्न १०-इन पंक्तियों का सप्रसंग भाव स्पष्ट कीजिए- तू है दया का सिंधु तो मैं भी दया का पात्र हूं, करुणेश तू है तो मैं नाथ करुणा मात्र हूं। तू दीनबंधु प्रसिद्ध है , मैं दीन से भी दीन हूं, तू नाथ! नाथ अनाथ का, असहाय मैं प्रभुहीन हूं।।
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बहुत ही सुन्दर भजन हैं सावन स्पेशल ! दया थोड़ी सी कर दो ना खाटू श्याम हिंदी भजन लिरिक्स जिसे सुनकर आप भाव विभोर हो जायेंगे ऐसे ही बहुत सारे भजनो का संग्रह हैं भक्तिगाने में मिलेगा , खुद भी सुने और दुसरो को भी सुनाये और साथ में शेयर कर हमें सहयोग प्रदान करे
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