Hindi, asked by varshinidalawai25, 6 months ago


प्रश्नों के एक वाक्य में उत्तर लिखिए।

१) हमें क्या चाहिए?
२) लोग अपने शरीर को किसकी तरह मानने लगते है?
३) भगतसिंह ने संयम और साहस का पाठ किससे सीखा?
४)
हम अपना शीश कहाँ झुकाते है
५) खेलते रहने से शरीर कैसा बनता है
६) किस प्रकार के मनुष्यों की मांसपेशियां निष्क्रीय हो जाती है
७)कवि किससे जंग छेडने की बात कही है
८) डाकू किसकी हत्या करना चाहता था​

Answers

Answered by chauhanpratigyasingh
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Answer:

Answer:भगत सिंह का जिक्र सब करते हैं. तमाम पंथों वाले. अपने हिसाब से. किसी को विचार दिखते हैं, कोई उनके हाथ में बंदूक बस देख पाता है. धर्म के नाम पर भरे बैठे भी भगत सिंह को अपना आदर्श बताते हैं. ये जाने बिना कि वो हाथ में बंदूक लेने के अलावा भी बहुत कुछ कह गए हैं. ये जाने बिना कि वो नास्तिक थे. नास्तिक आपके धर्म के खिलाफ नहीं होते. नास्तिकता क्या है. आप यहां से जान सकते हैं. ये एक प्रतिनिधि पत्र है, जिससे आपको नास्तिकता का मोटा-मोटी हिसाब लग जाता है. पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून है. आप धर्म के खिलाफ कुछ बोलो-लिखो या करो तो जेल हो जाती है. हिंदुस्तान में ऐसा कुछ नहीं है. बेहतर है. लेकिन आस्तिकों और नास्तिकों में कनफ्लिक्ट तो चलते ही हैं.

Answer:भगत सिंह का जिक्र सब करते हैं. तमाम पंथों वाले. अपने हिसाब से. किसी को विचार दिखते हैं, कोई उनके हाथ में बंदूक बस देख पाता है. धर्म के नाम पर भरे बैठे भी भगत सिंह को अपना आदर्श बताते हैं. ये जाने बिना कि वो हाथ में बंदूक लेने के अलावा भी बहुत कुछ कह गए हैं. ये जाने बिना कि वो नास्तिक थे. नास्तिक आपके धर्म के खिलाफ नहीं होते. नास्तिकता क्या है. आप यहां से जान सकते हैं. ये एक प्रतिनिधि पत्र है, जिससे आपको नास्तिकता का मोटा-मोटी हिसाब लग जाता है. पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून है. आप धर्म के खिलाफ कुछ बोलो-लिखो या करो तो जेल हो जाती है. हिंदुस्तान में ऐसा कुछ नहीं है. बेहतर है. लेकिन आस्तिकों और नास्तिकों में कनफ्लिक्ट तो चलते ही हैं.‘मैं नास्तिक क्यों हूं’ का जिक्र अक्सर होता है. भगत सिंह ने जेल में रहते हुए इसे लिखा था. तब 27 सितम्बर 1931 को लाहौर के ‘द पीपल’ अखबार में ये छपा था. इस आर्टिकल में भगत सिंह ने ईश्वर की उपस्थिति पर अनेक लॉजिकल सवाल उठाए थे.भगत सिंह ने ये आर्टिकल तब लिखा था जब भगवान को मानने वाले एक दूसरे स्वतंत्रता सेनानी बाबा रणधीर सिंह ने उनकी नास्तिकता की वजह उनकी पॉपुलरिटी को बताया था. उसी बात के जवाब में भगत सिंह ने ये लेख लिखा था.

Explanation:

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