प्रश्न क्रमांक 20 उपयुक्त गद्यांश का सारांश लिखिएमनुष्य का जीवन बहुत ही संघर्षमय होता है उसे पकपक पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है फिर भी ईश्वर के द्वारा जो मनुष्य रूपी वरदान की निर्मित इस पृथ्वी पर हुए मानव धरती का रुप ही बदल गया है यह संसार कर्म करते रहने वाले मनुष्य के आधार पर ही टिका हुआ है जैसा भी उनसे ईर्ष्या करते हैं मनुष्य अपने कर्मों के कारण से धन्य मनुष्य का जीवन
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प्रश्न क्रमांक 20 उपयुक्त गद्यांश का सारांश लिखिएमनुष्य का जीवन बहुत ही संघर्षमय होता है उसे पकपक पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है फिर भी ईश्वर के द्वारा जो मनुष्य रूपी वरदान की निर्मित इस पृथ्वी पर हुए मानव धरती का रुप ही बदल गया है यह संसार कर्म करते रहने वाले मनुष्य के आधार पर ही टिका हुआ है जैसा भी उनसे ईर्ष्या करते हैं मनुष्य अपने कर्मों के कारण प्रश्न क्रमांक 20 उपयुक्त गद्यांश का सारांश लिखिएमनुष्य का जीवन बहुत ही संघर्षमय होता है उसे पकपक पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है फिर भी ईश्वर के द्वारा जो मनुष्य रूपी वरदान की निर्मित इस पृथ्वी पर हुए मानव धरती का रुप ही बदल गया है यह संसार कर्म करते रहने वाले मनुष्य के आधार पर ही टिका हुआ है जैसा भी उनसे ईर्ष्या करते हैं मनुष्य अपने कर्मों के कारण
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