प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
1.सत्य का स्वरूप क्या है?
2 .सत्य की अभिव्यक्ति कहां होती है ?
3.कब सत्य को अशांति का अनुभव करता है ?
4.हमें कब सत्य का सच्चे स्वरूप का दर्शन होते हैं ?
5.यह गद्यांश को एक शीर्षक दो।
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1.) जब मनुष्य अपार्थिव जगत को सत्य मानकर उसपर अपने सम्पूर्ण जीवन की रचना का प्रयत्न करता है तो उसे हम सच्चे सत्य का स्वरूप कहते है।
2.) सत्य की अविव्यक्ति जीवन मे होती है।
3.) जब मनुष्य की मानशिक स्थिति प्रकृति और उसके बीच व्यवधान खरा कर देती है तब वह अशांति का अनुभव करता है।
4.) जब मनुष्य प्रकृति के नजदीक रहता है, तब उसे सच्चे स्वरूप का दर्शन होता है ।
5.) यह गद्यांश का सीर्षक हम " सत्य की खोज " रख सकते है।
# Capricorn answer
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