Hindi, asked by jaikumarsingh247, 3 months ago

प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
यथासंभव प्रत्येक खण्ड के उत्तर मा दीजिए।
दिए गए गद्यांश को पड़े तथा प्रश्नों के उत्तर हो।
पृथ्वी के चारों ओर परिश्रमण करते हुए चंदना भी पृथ्वी के साथ-साथ सूर्य का परिधान
है। इन्हीं दोनों परिभणणे करते हुए चंडणा भी पृष्जी के वर्ष और मास की गणनाएं होती है।
30 दिनों के महीने होते हैं, जिने चरमा को जार्षिक गति को बारह महीनों में विभाजि
निर्धारित किया जाता है। तीस दिनों में पदह- पदह दिनों के दो पक्ष होते हैं। जिन पवह दिनों
बढ़ते-बढ़ते पूर्णिमा तक पहुंचता है, उसे शुक्लपक्ष और जिन पंवह दिनों में चंद्रमा घट
अमावस्या तक जाता है, उसे कृष्णपक्ष कहते है। इसी तरह एक वर्ष के बारह महीनों में है
माह के दो अयन होते हैं। जिन छह महीनों में मौसम का तापमान घटता है, उसे दक्षिणायन
अग्रेजी कैलंडर की वार्षिक गणना सूर्य के चारो ओर पृथ्वी के परिधगण की अवधि के अनु
सौ पैसठ दिनों की होती है। इसके महीनों की गणना पृथ्वी के चारों ओर चक्षमा के परि
अधारित नहीं है। इसमें वर्ष के तीन सौ पैंसठ दिनों को ही बारह महीनों में विभाजित किया
इस कैलेंडर की सभी महीने तीस-तीस दिन के नहीं होते है । अप्रैल, सिंतबर, नवंबर, जून इ
दिन है। फरवरी है अठ्ठाइस दिन को, बाकि सब इकत्तीस दिन के।
शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में कितने दिनों का अंतर होता है?
(ख) तीस
(घ) सात
बड़ता है, उसे क्या कहते है?​

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Answered by xbyashgade14
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