प्रश्न।
'मैं श्रीमद्भगवद्गीता हूँ ' पाठ के आधार पर बताइये हमारे आचरण का प्रभाव हमारे जीवन पर किस प्रकार पड़ता
है, इस पाठ से क्या-क्या सीख मिलती है?
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Answers
Explanation:
श्रीमद भगवत गीता दुनिया के चंद ग्रंथों में से एक है जो आज भी सबसे ज्यादा पढ़े जाते हैं और जीवन पथ पर कर्मों और नियमों पर चलने की प्रेरणा देते हैं। गीता हिन्दुओं में सर्वोच्च माना जाता है, वहीं विदेशियों के लिए आज भी यह शोध का विषय है। इसके 18 अध्यायों के करीब 700 श्लोकों में हर उस समस्या का समाधान मिल जाता है जो कभी न कभी हर इंसान के सामने खड़ी हो जाती है। यदि हम इसके श्लोकों का अध्ययन रोज करें तो हम आने वाली हर समस्या का हल बगैर किसी मदद के निकाल सकते हैं।आज आपको गीता के उन्हीं सूत्रों से आपको अवगत कराने जा रहा है जो हर मोड़ पर हमें आने वाली समस्याओं से निपटने की प्रेरणा देते हैं। गीता के यही श्लोक सभी के लिए 'लाइफ मैनेजमेंट' का काम करते हैं...।भगवान श्रीकृष्ण (अर्जुन से) कहते हैं कि तेरा कर्म करने में ही अधिकार है, उसके फलों में कभी मत सोच। इसलिए तू फल को सोचते हुए कर्म मत कर और न ही सोच कि फल की आशा के बिना कर्म क्यों करूं।
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