प्रश्न ३) माधवदास के बार बार समझाने पर भी चिड़िया सोने के पिंजरे और सुख सुविधाओं को कोई महत्त्व नहीं दे ही थी। दूसरी तरफ माधवदास की नज़र में चिड़िया की ज़िद का कोई तुक न था। माधवदास और चिड़िया के मनोभावों के अंतर क्या क्या थे? अपने शब्दों में लिखिए । (NCERT) -
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माधवदास के बार-बार समझाने पर भी चिड़िया सोने के पिंजरे और सुख-सुविधाओं को कोई महत्त्व नहीं दे रही थी। दूसरी तरफ़ माधवदास की नज़र में चिड़िया की ज़िद का कोई तुक न था। ... उसे सोने-चाँदी, हीरे-मोती की तुलना में अपने माँ का स्नेह अधिक प्यारा था। अर्थात् चिड़िया की खुशी भौतिक सुखों से अलग भावनात्मक सुखों में है।
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