प्रश्न १ . मनुष्यकाजीवनसंसारकेछोटेबडेप्राणियोंऔरपदार्थोंमेंश्रेष्ठमानागयाहै।वहइसलिएककमनुष्यबडाबुद्धिमानऔरकल्पनाशीिप्रािीहै।अपने द्धवचारों के बि पर ही वह जो चाहे,करसकताहैऔरबहुतऊँचाउठसकताहै।परंतुद्धवचारसच्चे, सादे और पद्धवत्र होने के सार्थ-सार्थमनुष्यकेव्यवहाररक जीवन से संबंध रखने वािे होने चाहहए।इनहीं बातों को आधार बनाकर‘सादा जीवन,उच्च द्धवचार’को मानव जीवन की सफिता की सीढी माना गयाहै।सादगीमनुष्यकेपहनावेसेनहीं, बल्ल्क उसके प्रत्येक हाव भाव, द्धवचार तर्था जीवन के ढंग से टपकने चाहहए। यह सादगी ही है, जो द्धवचारों को भी उच्च बनाकर सब प्रकार की उननतत और द्धवकास का कारि बनतीहै। संसार का इततहास इस बात का गवाह है ककआरंभ से ही सादगी -पसंद व्यल्तत ही जनताकोउच्चद्धवचारदेकरउननततऔरद्धवकासकीराहप्रशस्तकरतेआरहेहैं।महात्माबुि, संत कबीर, गुरुनानक, महात्मा गांधी, डॉ.राधाकृष्िन, द्धवनोबा भावे आहद इस तथ्य के प्रत्यक्ष प्रमाि हैं|[अ]गदयांश के लिएउचचत शीर्षक लिणखए |[१ ][आ]मनुष्यकाजीवनश्रेष्ठतयोंमानाजाताहै? [१ ][ इ ]उननततकरनेकेलिएमनुष्यकेद्धवचारकैसेहोनेचाहहए? [१ ][ ई ]मानव जीवन के सफिता की सीढी ककसे माना गया है?[१ ][ उ]‘उननतत’ शब्द का उचचत द्धविोम शब्द लिणखए।
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