प्रश्न नींबर-1 ननम्नलिखित अपहित कावयाींश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
साक्ष ै इनत ास में प िे िागे ैं
िागतृ सब ो र े मारे ी आगे ैं
शत्रु मारे क ाीं न ीीं वैसे भागे ैं
कायरता से क ाीं प्राण मने त्यागे ैं
ैं में प्रकीं वपत कर चुके, सुरपनत तक का भ ह्रदय।
फिर एक बार ी ववश्व तुम गाींव भारत की वविय।।
क ाीं प्रकालशत न ीीं र ा ै तेि मारा,
दलित कर चुकी शत्रुसदा म पैरों द्वारा।
बतिाओ तुम कौन न ीीं िो मसे ारा,
पर शरणागत ुआ क ाीं कब में ना प्यारा!
बस युद्ध - मात्र को छोड़कर क ाीं न ीीं ै म सदय!
फिर एक बार ै ववश्व तुम गाींव भारत की वविय!
(क) इनत ास फकस बात का साक्ष ै?
(ि) ‘ ै में प्रक्रम वपत्त कर चुके सुरपनत तक का ह्रदय' पींजतत द्वारा भारत वालसयों की फकस
ववशेषता की ओर सींके त फकया गया ै?
(ग) शरणागत के प्रनत भारत वालसयों का वयव ार कै सा था?
(घ) ‘बस युद्ध -मात्र को छोड़कर क ाीं न ीीं ै म सदय'-पींजतत में भारतवालसयों की फकन दो
ववरोध ववशेषताओीं की ओर सींके त फकया गया ै?
(ङ) कावयाींश का उचचत श षयक लिखिए?
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ननम्नललखित प्रश्नों ककन ीां पाांच प्रश्नों के उत्तर एक एक िाक्य में
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