प्रश्न : नीचे दिए गए गद्याश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए
मनुष्य ईश्वर की सर्वोत्तम कृति है। शुभ तथा अशुभ संस्कारों की प्राप्ति हमें अपने जन्म से
पहले ही माता के गर्भधारण करने के समय से प्रारंभ हो जाती है। जन्म लेने पर बच्चा ज्यों-ज्यों बड़ा
होता जाता है त्यों-त्यों उस पर उसके माता-पिता, परिवार के अन्य सदस्यों, अडोस-पड़ोस के
वातावरण, अपने मित्रों, पुस्तकों के ज्ञान आदि का प्रभाव पड़ता जाता है। जीवन के व्यवहार में उस
जिस किसी से काम पड़ता है वह उसके गुण-दोषों से अछूता नहीं रहता। इस प्रकार जीवन के का
पड़ावों पर ये प्रभाव उसके सस्कार बनते जाते हैं।
क) मनुष्य में संस्कार कैसे पड़ते हैं ?
ख) शुभ संस्कार ग्रहण करने के लिए हमें क्या करना होगा?
ग) इस गद्याश के लिए एक उपयुक्त शीर्षक बलाइए।
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क) मनुष्य में संस्कार माता के गर्भ से ही मिलना शुरू हो जाते हैं।
ख) शुभ संस्कार ग्रहण करने के लिए हमें अच्छी पुस्तकों का ज्ञान मिलना चाहिए और अच्छे मित्रों के साथ रहना चाहिए।
ग) संस्कार
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मनुष्य में संस्कार माता के गर्भ और माता-पिता , परिवार के सदस्य ,
अपने मित्र, अडोस -पड़ोस और पुस्तकों के ज्ञान का प्रभाव पड़ता हैं।
2शुभ संस्कार को ग्रहण करनेकेलिए हमे आने माता-पिता और परिवारजनों, मित्रजनों एवं पड़ोस के लोगोंकेसथ अच्छआ व्यवहार रखना पड़ेगा।
3संस्कार पर्व।
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