Hindi, asked by shawnvincent24, 1 month ago

प्रश्न १: निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखिये: किसी आती हुई आपदा की भावना या दुख के कारण के साक्षात्कार से जो एक प्रकार का आवेगपूर्ण अथवा स्तंभ - कारक मनोविकार होता है, उसी को भाग्य कह्ते है। क्रोध दुख के कारण के स्वरूप बोध के बिना नहीं होता। यदि दुख का कारण चेतन होगा और यह समझा जाएगा कि उसने जान - बूझकर दुख पहुँचाया है, तभी क्रोध होगा। पर भय के लिए कारण का निर्दिष्ट होना ज़रूरी नहीं; इतना भर मालूम होना चाहिये कि दुख या हानि पहूँचेगी। यदि कोई ज्योतिषी किसी गँवार से कहे कि "कल तुम्हारे हाथ - पाँव टूट जाँएगे" तो उसे क्रोध न आएगा; भय होगा। पर उसी से यदि कोई दूसरा आकर कहे कि "कल अमुक - अमुक तुम्हारे हाथ - पैर तोड़ देंगे" तो वह तुरंत त्योरी बदलकर कहेगा कि " कौन हैं हाथ - पैर तोड़ने वाले? देख लूँगा।" भय का विषय दो रूपों में सामने आता है - असाध्य रूप में और साध्य रूप में। असाध्य विषय वह है जिसका किसी प्रयत्न द्वारा निवारण संभव न हो या असंभव समझ पड़े। साध्य विषय वह है जो प्रयत्न द्वारा दूर किया या रखा जा सकता हो। क) भय से आप क्या समझते हैं? ख) भय और क्रोध में क्या संबंध है? ग) क्रोध किन परिस्तिथियो में उत्पन्न होता हैं? घ) भय के कौन से दो रूपों का उल्लेख किया गया हैं? ड) गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिये। च) 'अ' उपसर्ग से बने दो शब्द इस गद्यांश से छाँट्कर लिखिए।​

Answers

Answered by sgokul8bkvafs
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Answer:

Explanation:

प्राकृतिक आपदा एक प्राकृतिक जोखिम (natural hazard) का परिणाम है जैसे की ज्वालामुखी विस्फोट (volcanic eruption), भूकंप जो कि मानव गतिविधियों को प्रभावित करता है। मानव दुर्बलताओं को उचित योजना और आपातकालीन प्रबंधन (emergency management) का आभाव और बढ़ा देता है, जिसकी वजह से आर्थिक, मानवीय और पर्यावरण को नुकसान पहुँचता है। परिणाम स्वरुप होने वाली हानि निर्भर करती है जनसँख्या की आपदा को बढ़ावा देने या विरोध करने की क्षमता पर, अर्थात उनके लचीलेपन पर।[1] ये समझ केंद्रित है इस विचार में: "जब जोखिम और दुर्बलता (vulnerability) का मिलन होता है तब दुर्घटनाएं घटती हैं".[2] जिन इलाकों में दुर्बलताएं निहित न हों वहां पर एक पर भी एक प्राकृतिक आपदा में तब्दील नहीं हो सकता है, उदहारण स्वरुप, निर्जन प्रदेश में एक प्रबल भूकंप का आना-बाना मानव की भागीदारी के घटनाएँ अपने आप जोखिम या आपदा नहीं बनती हैं, इसके फलस्वरूप प्राकृतिक शब्द को विवादित बताया गया है।[3]

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