Hindi, asked by uvsalunkhe1, 3 months ago

प्रश्न १. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक
each.)
(१) लोहे के अनुसार किसका सम्मान होगा?
उत्तर:​

Answers

Answered by Sasmit257
4

Explanation:

पशु-पक्षियों से हमें बहुत लाभ होता है गाय भैंस बकरी आदि पशु हमें दूध देते हैं गाय का दूध तो माँ के दूध के

समान होता है मुरगी बतख आदि हमें अंडे देती हैं भेंड़ें हमें ऊन देती हैं जानवरों की खाल से भी कई तरह की

पोशाकें बनती हैं इनके चमड़े से जूते थैले आदि बनते हैं कुछ देशों में चिड़ियों के पंखों से लोग रजाई तकिए

आदि तैयार करते हैं। की दूषित व्यवस्था रिश्वत को प्रोत्साहन देती है। अल्प-वेतन में परिवार का व्यय न चलने पर कभी-कभी मन दुर्बलता उत्पन्न हो जाती है और सरकारी नौकर का ध्यान भी अनौतिक साधन रिश्वत की ओर चला जाता है। वह भली-भाँति जानता है कि रिश्वत लेना पाप है, पाप की कमाई फलती-फूलती नहीं फिर भी विवशता और लाचारी में फँस कर वह पाप कर बैठता है। यदि समाज में सबको जीवनयापन के लिए समान अधिकार प्राप्त हो तो रिश्वत जैसे अनैतिक कर्म को स्थान न मिले। खेद का विषय है कि आज हमारी मनोवृत्ति इतनी दूषित हो गई है कि रिश्वत की कमाई को पूरक-पेशा समझा जाने लगा है। समाज को इस भयंकर बीमारी से बचाना चाहिए।

मन दुर्बलता उत्पन्न हो जाती है और सरकारी नौकर का ध्यान भी अनौतिक साधन रिश्वत की ओर चला जाता है। वह भली-भाँति जानता है कि रिश्वत लेना पाप है, पाप की कमाई फलती-फूलती नहीं फिर भी विवशता और लाचारी में फँस कर वह पाप कर बैठता है। यदि समाज में सबको जीवनयापन के लिए समान अधिकार प्राप्त हो तो रिश्वत जैसे अनैतिक कर्म को स्थान न मिले। खेद का विषय है कि आज हमारी मनोवृत्ति इतनी दूषित हो गई है कि रिश्वत की कमाई को पूरक-पेशा समझा जाने लगा है। समाज को इस भयंकर बीमारी से बचाना चाहिए।गुरुक)माता का अंचल पाठ में माता-वपता व बच्चों के बीच में जो प्रेम हदिाया गया है ऐसा प्रेम वतचमान समय में

मन दुर्बलता उत्पन्न हो जाती है और सरकारी नौकर का ध्यान भी अनौतिक साधन रिश्वत की ओर चला जाता है। वह भली-भाँति जानता है कि रिश्वत लेना पाप है, पाप की कमाई फलती-फूलती नहीं फिर भी विवशता और लाचारी में फँस कर वह पाप कर बैठता है। यदि समाज में सबको जीवनयापन के लिए समान अधिकार प्राप्त हो तो रिश्वत जैसे अनैतिक कर्म को स्थान न मिले। खेद का विषय है कि आज हमारी मनोवृत्ति इतनी दूषित हो गई है कि रिश्वत की कमाई को पूरक-पेशा समझा जाने लगा है। समाज को इस भयंकर बीमारी से बचाना चाहिए।गुरुक)माता का अंचल पाठ में माता-वपता व बच्चों के बीच में जो प्रेम हदिाया गया है ऐसा प्रेम वतचमान समय में हदिाई नही देता इस कथन के पक्ष या ववपक्ष मेंअपना मत प्रस्तुत कीक्जए।

मन दुर्बलता उत्पन्न हो जाती है और सरकारी नौकर का ध्यान भी अनौतिक साधन रिश्वत की ओर चला जाता है। वह भली-भाँति जानता है कि रिश्वत लेना पाप है, पाप की कमाई फलती-फूलती नहीं फिर भी विवशता और लाचारी में फँस कर वह पाप कर बैठता है। यदि समाज में सबको जीवनयापन के लिए समान अधिकार प्राप्त हो तो रिश्वत जैसे अनैतिक कर्म को स्थान न मिले। खेद का विषय है कि आज हमारी मनोवृत्ति इतनी दूषित हो गई है कि रिश्वत की कमाई को पूरक-पेशा समझा जाने लगा है। समाज को इस भयंकर बीमारी से बचाना चाहिए।गुरुक)माता का अंचल पाठ में माता-वपता व बच्चों के बीच में जो प्रेम हदिाया गया है ऐसा प्रेम वतचमान समय में हदिाई नही देता इस कथन के पक्ष या ववपक्ष मेंअपना मत प्रस्तुत कीक्जए।ही) “और देिते ही देिते नई हदकली की कायापलट होने लगी।“ हदए गए कथन के अनुसार इसमेंटया-टया

मन दुर्बलता उत्पन्न हो जाती है और सरकारी नौकर का ध्यान भी अनौतिक साधन रिश्वत की ओर चला जाता है। वह भली-भाँति जानता है कि रिश्वत लेना पाप है, पाप की कमाई फलती-फूलती नहीं फिर भी विवशता और लाचारी में फँस कर वह पाप कर बैठता है। यदि समाज में सबको जीवनयापन के लिए समान अधिकार प्राप्त हो तो रिश्वत जैसे अनैतिक कर्म को स्थान न मिले। खेद का विषय है कि आज हमारी मनोवृत्ति इतनी दूषित हो गई है कि रिश्वत की कमाई को पूरक-पेशा समझा जाने लगा है। समाज को इस भयंकर बीमारी से बचाना चाहिए।गुरुक)माता का अंचल पाठ में माता-वपता व बच्चों के बीच में जो प्रेम हदिाया गया है ऐसा प्रेम वतचमान समय में हदिाई नही देता इस कथन के पक्ष या ववपक्ष मेंअपना मत प्रस्तुत कीक्जए।ही) “और देिते ही देिते नई हदकली की कायापलट होने लगी।“ हदए गए कथन के अनुसार इसमेंटया-टया कोलशशें की गई होगी जॉजच पंचम की नाक पाठ के आधार पर उत्तर दीक्जए ।

मन दुर्बलता उत्पन्न हो जाती है और सरकारी नौकर का ध्यान भी अनौतिक साधन रिश्वत की ओर चला जाता है। वह भली-भाँति जानता है कि रिश्वत लेना पाप है, पाप की कमाई फलती-फूलती नहीं फिर भी विवशता और लाचारी में फँस कर वह पाप कर बैठता है। यदि समाज में सबको जीवनयापन के लिए समान अधिकार प्राप्त हो तो रिश्वत जैसे अनैतिक कर्म को स्थान न मिले। खेद का विषय है कि आज हमारी मनोवृत्ति इतनी दूषित हो गई है कि रिश्वत की कमाई को पूरक-पेशा समझा जाने लगा है। समाज को इस भयंकर बीमारी से बचाना चाहिए।गुरुक)माता का अंचल पाठ में माता-वपता व बच्चों के बीच में जो प्रेम हदिाया गया है ऐसा प्रेम वतचमान समय में हदिाई नही देता इस कथन के पक्ष या ववपक्ष मेंअपना मत प्रस्तुत कीक्जए।ही) “और देिते ही देिते नई हदकली की कायापलट होने लगी।“ हदए गए कथन के अनुसार इसमेंटया-टया कोलशशें की गई होगी जॉजच पंचम की नाक पाठ के आधार पर उत्तर दीक्जए ।ग) माता का अंचल पाठ के आधार पर बताइए क्रक तत्कालीन व वतचमान ग्रामीर् संस्कृनत मेंआपको टया

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