प्रश्न २) निम्नलिखित प्रश्नोंके उत्तर लिखिए |
१. कवि को ऐसा विश्वास क्यों हैं की उसका अंत अभी नहीं होगा ?
२. वस्तु-विनिमय क्या है ? वस्तु विनिमय की प्रचलित पदधति क्या है ?
३. लेखक हर पेड को अपना दुश्मन क्यों समझ रहा था |
४. वस की यात्रा पाठ के लेखक कौन है ?
प्रश्न ३) अ) निम्नलिखित शब्दों में से उपसर्ग छाँटकर लिखिए |
१. संवहन
प्रश्न ३) ब) निम्नलिखित शब्दों में से प्रत्यय छाँटकर लिखिए |
१. व्यक्तित्व
२. चालाकी
प्रश्न ३) क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए
१. हिंदी भाषा की लिपि कौनसी है ?
२. भारत के मान्यता प्राप्त भाषाएँ कितनी है ?
२. निर्लोभ
Class 8 chapter no 1 bad 2 Hindi and some grammar CBSE book plz give me correct ans because I am giving brainlist and 100 points
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प्रश्न 2: वस्तु-विनिमय क्या है? विनिमय की प्रचलित पद्धति क्या है?
उत्तर : वस्तु विनिमय से तात्पर्य लेन-देन के लिए रूपए-पैसों के स्थान पर एक वस्तु का दूसरी वस्तु से क्रय-विक्रय करना है। जिस तरह से बदलू लाख की चूड़ियों के स्थान पर अनाज व कपड़े लिया करता था। वस्तु विनिमय की पद्धति गावों में प्रचलित है। यहाँ लोग अन्न के बदले अन्य किसी भी (खाने पीने व कपड़े) वस्तु से आदान-प्रदान कर लेते हैं। इस समय इस पद्धति का स्थान रूपए-पैसों ने ले लिया है।
प्रश्न 3: ‘मशीनी युग ने कितने हाथ काट दिए हैं।’- इस पंक्ति में लेखक ने किस व्यथा की ओर संकेत किया है?
उत्तर : लेखक ने उन कारीगरों की तरफ़ संकेत किया है जो हाथ से बनी वस्तुओं से अपना जीवनयापन करते हैं। आज के मशीनी युग ने उन कारीगरों के हाथ काटकर मानों उनकी रोटी ही छीन ली है। उन कारीगरों का रोजगार इन पैतृक काम धन्धों से ही चलता था। उसके अलावा उन्होंने कभी कुछ नहीं सीखा था। वे पीढ़ी दर पीढ़ी अपनी इस कला को बढ़ाते चले आ रहे हैं और साथ में रोज़ी रोटी भी चला रहें हैं। परन्तु मशीनी युग ने जहाँ उनकी रोज़ी रोटी पर वार किया है, वही दूसरी ओर इन बेशकीमती कलाओं का अंत भी किया है। ऐसी अनगिनत कलाएँ हैं जो लुप्त अवस्था में हैं और इनको करने वाले कारीगर इस युग के अंधकार में खो रहे हैं। यही वो व्यथा है जो लेखक व्यक्त करना चाहता है। ऐसे कारीगर कला होने पर भी बेकार हो गए और उनकी रोज़ी रोटी भी खत्म हो गई
Mark please
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3. अ 1) सं
2) निर्
ब 1) त्व
2) ई