प्रश्न ३-निम्नलिखित परिच्छेद पढ़कर सूचनाओ के अनुसार कृतियाँ। कीजिए।
खेती-बारी के समय, गाँव के किसान सिरचन की गिनती नहीं करते।
लोग उसको बेकार ही नहीं, 'बेगार समझते हैं । इसलिए खेत-खलिहान
की मजदूरी के लिए कोई नहीं बुलाने जाता है सिरचन को । क्या होगा,
उसको बुलाकर ? दूसो मजदूर खेत पहुँचकर एक-तिहाई काम कर चुकेंगे,
तब कहीं सिरचन राय हाथ में खुरपी डुलाता हुआ दिखाई पड़ेगा; पगडंडी
पर तौल-तौलकर पाँव रखता हुआ, धीरे-धीरे । मुफ्त में मजदूरी देनी हो
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आज सिरचन को मुफ्तखोर, कामचोर या चटोर कह ले कोई । एक
समय था, जब उसकी मडैया के पास बाबू लोगों की सवारियां बंधी रहती
थी। उसे लोग पूछते ही नहीं थे,उसकी खुशामद भी करते थे ।
सिचन भाई । अब तो तुम्हारे ही हाथ में यह कारीगरी रह गई है सारे इलाके
में। एक दिन का समय निकालकर चलो । बड़े भैया की चिट्ठी आई है।
शहर से-सिरचन से एक जोड़ा चिक बनाकर भेज दो।"
मुझे याद है... मेरी माँ जब कभी सिरचन को बुलाने के लिए कहती,
मैं पहले ही पूछ लेता, "भोग क्या-क्या लगेगा ?"
माँ हैसकर कहती, "जा-जा बेचारा मेरे काम में पूजा-भोग की बात
नहीं उठाता कभी।" पड़ोसी गाँव के पंचानंद चौधरी के छोटे लड़के को
एक बार मेरे सामने ही बेपानी कर दिया था सिरचन ने -"तुम्हारी भाभी
नाखून से खौटकर तरकारी परोसती है और इमली का रस डालकर कदी तो
हम मामूली लोगों की परवालियाँ बनाती है । तुम्हारी भाभी ने कहाँ से
बनाना सीखी हैं। for 10class which lesson
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१०. ठेस
Explanation:
the chapter was in Hindi the writer was फानिश्र्वर नाथ रेणू
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