History, asked by MathsAndAllSubject, 4 months ago

प्रश्न: ४. निम्नलिखित परिचय पतकर पाँच ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर एक वाक्य में हाँ:
। प्रतोयोगिता का अर्थ है आगे बढ़ने की होड़। प्रतियोगिता के वास्तव में दो रुप हैं-स्वयं
आगे बढ़ना और दूसरों को पीछे हटाना। स्वयं आगे बढ़ना प्रतियोगिता का रचनात्मक और
कल्याणकारी स्वरूप है, जबकि दूसरों को पीछे हटना प्रतियोगिता का विनाशकारी स्व रुप हैं।
दूसरों से आगे बढ़ने और बेहतर बनने की इच्छा ही मनुष्य को उन्नति के लिए प्रेरित करती
है और उससे परिश्रम करवाती है। प्रतियोगिता से मिली चुनौती से हमें अपने आपको दूसरों की
तुलना में सुधारना पड़ता है और उनसे आगे निकलने के लिए भरपूर प्रयास करने पड़ते है।
प्रतियोगिता से होने वाला एक लाभ यह है कि इससे मनुष्य स्वयं का मूल्यांकन करता है और
अपनी लई खुबियों को पहचानता है। दूसरा लाभ यह है कि जब अन्य लोगों की
तुलना
में
कुछ नहीं कर पाता है उसका व्यर्थ का घमंड टूटता है । इसे पता चल जाता है कि संसार में
उससे भी अधिक प्रतिभाशाली लोग है । वह उनका सम्मान करना सीखता है। इस प्रकार
समाज को प्रतियोगिता से लाभ ही मिलता है।​

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Answered by nileshwani369
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Answer:

प्रतोयोगिता का अर्थ है क्या हैं?

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