Hindi, asked by sumanias2025, 1 month ago

प्रश्न) निम्नलिखित दिए गए किसी एक विषय पर विज्ञापन लेखन करो।
१)रंग बिरंगी दुनिया में खिलौनों पर 50% छूट का विज्ञापन तैयार कीजिए।
२)पर्यावरण विभाग की ओर से जल बचाने का आग्रह करते हुए विज्ञापन तैयार कीजिए।​

Answers

Answered by gurpreetkang280
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Answer:

विश्व पर्यावरण दिवस हर साल दुनिया भर में 5 जून को मनाया जाता है। पर्यावरण के मुद्दों के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के लिए 1972 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा इसकी स्थापना की गई थी। इस ग्रह पर प्रकृति की रक्षा के लिए लोगों को सकारात्मक पर्यावरणीय कार्य करने के लिए प्रेरित करने के लिए मनाया जाता है।मानव पर्यावरण पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन शुरू होने पर यह अभियान घोषित किया गया था। यह संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम द्वारा चलाया जाता है। इस अभियान के मुख्य उद्देश्यों को मीडिया और मशहूर हस्तियों द्वारा जनता के बीच प्रोत्साहित किया जाता है और इसके उत्सव में भाग लेते हैं। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के सद्भावना दूत विश्व पर्यावरण दिवस के लिए कार्रवाई करने के लिए दुनिया भर में संदेश भेजते हैं।यह अभियान लोगों को वास्तविक पर्यावरण की स्थिति से अवगत कराने और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पर्यावरणीय मुद्दों के खिलाफ प्रभावी कार्यक्रमों का एजेंट होने के लिए बड़े पैमाने पर इसके उत्सव समारोह में शामिल होने के लिए लोगों को एक कॉल करता है। हमें उत्सव में शामिल होना चाहिए और बेहतर भविष्य के लिए अपने पर्यावरण को बचाने का संकल्प लेना चाहिए। यह अभियान पर्यावरण की स्थिति पर ध्यान केंद्रित करने और लोगों को पृथ्वी पर पर्यावरण के सकारात्मक परिवर्तनों का सक्रिय हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए स्थापित किया गया था ताकि हमारे ग्रह के सुरक्षित भविष्य को सुनिश्चित किया जा सके।पर्यावरण को बचाना ही पर्यावरण दिवस का मुख्या लक्ष्य होता है | पर्यावरण संरक्षण से तात्पर्य पर्यावरण की सुरक्षा करना. वृक्ष –वनस्पतियों का मानव जीवन में अत्यधिक महत्व है. वे मनुष्य के लिए अत्यंत उपयोगी हैं. वे मानव जीवन का आधार हैं, परन्तु आज मानव इनके इस महत्व व् उपयोग को न समझते हुए इनकी उपेक्षा कर रहा है. गौण लाभों को महत्व देते हुए इनका लगातार दोहन करता चला जा रहा है.जितनी वृक्ष कटते हैं,उतनी लगनी भी चाहिए, परन्तु ऐसा नहीं हो रहा है और इनकी संख्या लगातार घटती जा रही है. परिणामत: अनेकों समस्याएँ मनुष्य के सामने उपस्थित हो रही है | प्राणी अपने जीवन हेतु वनस्पति जगत पर आश्रित है. मनुष्य हवा में उपस्थित ऑक्सीजन को श्वास द्वारा ग्रहण करके जीवित रहता है. पेड़-पौधे ही प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया में ऑक्सीजन छोड़ते हैं. इस तरह मनुष्य के जीवन का आधार पेड़-पौधे ही उसे प्रदान करते हैं. इसके अतिरिक्त प्राणियों का आहार वनस्पति है. वनस्पति ही प्राणियों को पोषण प्रदान करती है. इसलिए पर्यावरण संरक्षण बहुत जरुरी है.पिछले दिनों कल-कारखानों की वृद्धि को विकास का आधार माना जाता रहा है. खाद्य उत्पादन के लिए कृषि तथा सिंचाई पर जोर दिया जाता रहा है, परन्तु वन-संपदा की महत्ता समझने की ओर जितना ध्यान देना आवश्यक था, उतना दिया ही नहीं गया. वनों को जमीन घेरने वाला माना जाता रहा और उन्हें काटकर कृषि करने की बात सोची जाती रही है.जलाऊ लकड़ी तथा इमारती लकड़ी की आवश्यकता के लिए भी वृक्षों को अंधाधुंध काटा जाता रहा है और उनके स्थान पर नए वृक्ष लगाने की उपेक्षा बरती जाती रही है. इसलिए आज हम वन संपदा की दृष्टि से निर्धन होते चले जा रहे हैं और उसके कितने ही परोक्ष दुष्परिणामों को प्रत्यक्ष हानि के रूप में सामने देख रहे हैं| जल का संचयन पर्यावरण को बचाने में अहम् भूमिका निभाता है | जल संरक्षण पर्यावरण संरक्षण की नींव है |शुद्ध पेय जल मानव जाती एवं जीव जंतु सभी के लिए एक आवश्यक तत्व है|इसको प्रकृति द्वारा एक नियत समय पर, नियत मात्रा में हम प्राप्त करते हैं|

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