प्रश्न-राष्ट्रवाद क्या है?
राष्ट्रवाद से महर्षि अरविन्द का क्या अभिप्राय है?
है। यह
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राष्ट्रवाद क्या है? राष्ट्रवाद से महर्षि अरविन्द का क्या अभिप्राय है?
राष्ट्रवाद से तात्पर्य अपने राष्ट्र के प्रति अटूट भक्ति और श्रद्धा रखना है। मैं जिस देश में रहता हूँ, मेरा वह राष्ट्र ही सर्वोपरि है। मुझे उसकी मानता पर गर्व है, यही राष्ट्रवाद है।
महर्षि अरविंद की नजरों में दृष्टि में राष्ट्रवाद को एक नया रूप प्रदान किया गया है। वे भारत को कोई एक देश अथवा भौगोलिक इकाई नहीं मानते थे बल्कि एक देवी मां के रूप में देखते थे। उस समय भारत देश अंग्रेजों का गुलाम था इसलिए भारत को अंग्रेजों से मुक्त कराने के अपने राजनीतिक अभियान को एक पवित्र धर्म मानते थे।
महर्षि अरविंद की दृष्टि में राष्ट्रवाद केवल राजनीतिक कार्यक्रम नहीं, राष्ट्रवाद एक धर्म है, जो ईश्वर के पास आया है। इसे लेकर जीवित रहना ह।ै हम सभी लोग ईश्वर के ही अंश के साधन हैं। हमें राष्ट्रवाद का मूल्यांकन करना है और इसका पालन करना है।
राष्ट्रवाद :
- राष्ट्रवाद, विचारधारा इस आधार पर कि व्यक्ति की निष्ठा और राष्ट्र-राज्य के प्रति समर्पण अन्य व्यक्ति या समूह के हितों से बढ़कर है।
- अरबिंदो को 'देशभक्ति के कवि, राष्ट्रवाद के पैगंबर और मानवता के प्रेमी' के रूप में। अरबिंदो वास्तव में बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे।
- अरबिंदो घोष का जन्म 15 अगस्त, 1872 को कलकत्ता में हुआ था।
- सात साल की उम्र में, अरबिंदो को उनके पिता ने इंग्लैंड भेज दिया था उसे किसी भी भारतीय प्रभाव से बचाने के लिए।
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