Hindi, asked by Bhartingghs, 5 months ago

प्रश्न- साहस अथवा ईमानदारी दोनों में से किसी एक विषय पर लघु कथा लिखिए।

hindi class 9

Answers

Answered by dhruv25517
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राजा और बीज

एक राजा के तीन पुत्र थे. वह वृद्ध हो चला था. इसलिए तीनों में से सबसे योग्य पुत्र के हाथों अपना राज-पाट सौंप देना चाहता था.

एक दिन उसने तीनों राजकुमारों की योग्यता की परीक्षा लेने के उद्देश्य से उन्हें अपने पास बुलाया और उन्हें एक-एक बीज देकर कहा, “पुत्रों! मैं चाहता हूँ कि तुम तीनों इन बीजों को एक-एक गमले में लगाओ और एक वर्ष तक उसकी अच्छी तरह देख-रेख करो. एक वर्ष उपरांत तुम तीनों अपने-अपने गमले के साथ मेरे समक्ष उपस्थित होना. तुम अपने साथ क्या लेकर आते हो, वह देखकर मैं तय करूंगा कि तुममें से कौन मेरा राज-पाट संभालेगा.”

तीनों राजकुमारों ने राजा से वे बीज ले लिए और शाही बाग़ में जाकर अपने लिए एक-एक गमला चुनकर उनमें अपने-अपने बीज बो दिए. उस दिन के बाद से वे रोज शाही बाग़ में जाकर अपने बीजों की देखभाल करने लगे.

एक वर्ष पूर्ण होने के उपरांत राजा ने तीनों को अपने पास बुलवाया. तीनों अपना-अपना गमला लेकर राजा के पास पहुँचे. जहाँ दोनों बड़े राजकुमार प्रसन्न थे, वहीं सबसे छोटा राजकुमार उदास था.

राजा के कहने पर दोनों बड़े राजकुमारों ने बड़े गर्व से अपने द्वारा बड़े किये हुए पौधे राजा को दिखाये. किंतु छोटे राजकुमार ने खाली गमला राजा के सामने रख दिया और बोला, “पिताश्री! मैंने पूरे वर्ष बीज को पानी दिया. इसकी अच्छे तरीके से देख-भाल की. किंतु यह अंकुरित ही नहीं हुआ.”

राजा ने तीनों गमलों को देखा और बोला, “अब वह समय आ गया है कि मैं तुम्हें बता दूं कि इस राज्य की बाग़डोर मैं किसके हाथों सौंपने वाला हूँ.”

दोनों बड़े राजकुमार उत्साहित होकर राजा की ओर देखने लगे. लेकिन छोटे राजकुमार ने अपनी दृष्टि नीची कर ली. उसे पता था कि खाली गमला देख राजा उसे अपना उत्तराधिकारी नहीं बनायेंगे.

अगले की क्षण राजा ने घोषणा की, “इस राज्य की बागडोर मैं छोटे राजकुमार के हाथों सौंपता हूँ.”

यह सुन दोनों बड़े राजकुमार बोल पड़े, “पिताश्री! आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? हम आपके द्वारा दिए बीज से उत्पन्न पौधों के साथ उपस्थित हुए हैं और छोटे राजकुमार का गमला खाली है. फिर भी आपने हमें न चुनकर उसे अपना उत्तराधिकारी चुन लिया. ये तो अन्याय है.”

राजा मुस्कुराते हुए बोला, “पुत्रों! एक वर्ष पूर्व जब मैंने तुम तीनों को बीज दिए थे, तब मैंने तुम्हें ये नहीं बताया था कि वे बीज उबले हुए हैं. उन बीजों से पौधों का उगना तो संभव ही नहीं था. तुम दोनों ने असंभव को कैसे संभव कर दिखाया, ये मुझे बताने की आवश्यकता नहीं है. तुम्हारे लाये गमलों में जो पौधे हैं, वे असल में उस बीज के हैं ही नहीं है, जो मैंने तुम्हें दिए थे. तुम दोनों झूठे हो. छोटा राजकुमार सच्चा और ईमानदार है. इसलिए मेरा उत्तराधिकारी बनने के योग्य है.”

इस तरह सच्चाई और ईमानदारी के पथ पर चलकर छोटा राजकुमार राजा बन गया और दोनों बड़े राजकुमार पछताते रह गये.

सीख – सदा सच्चे और ईमानदार रहे

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