प्रश्न ३ ) स्वमत . “बढते प्रदूषण के लिए मानव ही जिम्मेदार है” अपना मत व्यक्त करें।
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Answer:
प्रगतिशील होने और तेजी से विकास करने की होड़ में हमने अपनी सुख , सुविधा और आनंद के लिए , नए नए संसाधन जुटाने के लिए पेड़ पौधों , जंगलों का विनाश किया है। औद्योगीकरण और प्रगति के नाम पर प्राकृतिक संसाधनों का दोहन बुरी तरह किया है। छोटी–बड़ी औद्योगिक इकाईयों¸ फैक्टरियों तथा लाखों– करोडो वाहनों के चलने से पैदा हुए वायु प्रदुषण के कारण और उससे भी अधिक इनके पूर्ण दोहन से निकलने वाली काबर्न–डाई–ऑक्साइड तथा मोनोऑक्साइड जैसी गैसें इस धरती के ताप को बढ़ाने में मुख्य भूमिका अदा कर रही हैं।इन्ही सब की वजह से न सिर्फ अपने देश में वरन पूरे विश्व में प्रतिवर्ष तापमान का स्तर बढ़ता ही जा रहा है। जिसकी बड़ी वजह दिन प्रतिदिन हमारी धरती का गर्म होते जाना है । कहीं-कहीं तो इसकी भयावहता इस स्तर पर पहुंच गयी है कि आम जन जीवन दूभर हो गया है। प्रतिवर्ष अपने देश में हजारों लोगों की मौत गर्मी के कारन हो रही है . अनेक राज्य सूखे की चपेट में है . ये ग्लोबल वार्मिंग का ही तो नतीजा है . ऐसा होने के कारणों पर यदि हम गम्भीरतापूर्वक विचार करें तो इसके लिए किसी हद तक हम सब जिम्मेदार है।
Explanation:
आज मानव को अपने ही गतिविधियों के चलते पर्यावरण प्रदूषण संबंधी अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मानवीय क्रियाकलापों के कारण बढ़ते प्रदूषण के कारण उत्पन्न विभिन्न खतरे इस ग्रह के अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं। आज पूरी पृथ्वी जलवायु परिवर्तन की आपातकालीन स्थिति का सामना कर रही है।