प्रश्न २ शीर्षक और शिक्षा के आधार पर कहानी लिखिए ।
शीर्षक
परिश्रमी बालक
जो परिश्रम करता है, उसे ही सफलता मिलती है।
शिक्षा
Answers
Answer:
'सफलता चाहने वाले मनुष्य का प्रथम कर्त्तव्य यह देखना है कि उसकी रुचि किन कार्यों की ओर अधिक है। यह बात गलत है कि हर कोई मनुष्य हर एक काम कर सकता है। लॉर्ड वेस्टरफील्ड स्वाभाविक प्रवृत्तियों के काम को अनावश्यक समझते थे और केवल परिश्रम को ही सफलता का आधार मानते थे। इसी सिद्धान्त के अनुसार उन्होंने अपने बेटे स्टेनहाप को, जो सुस्त, ढीलाढाला, असावधान था, सत्पुरुष बनाने का प्रयास किया। वर्षों परिश्रम करने के बाद भी लड़का ज्यों का त्यों रहा और जीवन-भर योग्य न बन सका। स्वाभाविक प्रवृत्तियों को जानना कठिन भी नहीं है, बचपन के कामों को देखकर बताया जा सकता है कि बच्चा किस प्रकार का मनुष्य होगा। प्रायः यह संभावना प्रबल होती है कि छोटी आयु में कविता करने वाला कवि सेना बनाकर चलने वाला सेनापति, भुटटे चुराने वाला चोर-डाकू, पुरजे कसने वाला मैकेनिक और विज्ञान में रूचि रखने वाला वैज्ञानिक बनेगा।
जब यह विदित हो जाए कि लड़के की रुचि किस काम की ओर है तब यह करना चाहिए कि उसे उसी विषय में ऊँची शिक्षा दिलाई जाए। ऊँची शिक्षा प्राप्त करके मनुष्य अपने काम-धन्धे में कम परिश्रम से अधिक सफल हो सकता है, जिनके काम-धन्धे का पूर्ण प्रतिबिम्ब बचपन में नहीं दिखता, वे अपवाद ही हैं।