प्रश्न - युनिवर्सिटी में आयोजित ओरिएंटेशन प्रोग्राम के मौके पर खेल के उपयोग का वर्णन करते हुए में एक प्रेरणायुक्त भाषण तैयार करें।
सिर्फ हिन्दी में।
शुभकामनाएँ!
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यह कथन महान फूटबॉलर का है।
परम् आदरणीय कुलपति महोदय, उपकुलपति महोदय, सम्मानीय मुख्य अतिथि, प्रोफेसर गण एवं मेरे स्नेही मित्रों।
ओरिएंटेशन प्रोग्राम के इस मौके पर खेल विषय पर मुझे बोलने का मौका दिया गया और आप सभी सुनने को एकाग्र हैं इसके लिए आप सभी का तहे दिल से धन्यवाद।
वैसे तो हम सभी खेल की महत्ता से भली-भांति अवगत हैं। खेल हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण क्रियाकलाप रहा है। निश्चय ही आप में से कई क्रिकेट के दिवानें होंगे तो की फूटबॉल के रोमांच पसंद करते होंगे। खेल कई प्रकार के होते हैं जिनसे हम हमेशा रोमांचित होतें हैं।
खेल हमारे जीवन को रोगमुक्त एवं तनावमुक्त रखने का सबसे बेहतरीन एवं सफल साधन है। परन्तु हमलोग जिस प्रकार खेल से दूर होते जा रहे हैं वो निश्चय ही एक चिंताजनक विषय है। मुझे आज भी वो बचपन के खेल याद है जिन्हें हम सिर्फ रोमांच के लिए खेलते थे परन्तु अनजाने में ही वो हमें स्वस्थ और मजबूत बना रहे थें।
जब हम इसकी उपयोगिता नहीं जानते थे, जब हम इनके अच्छे प्रभाव से अवगत नहीं थे तब हम इनसे कितने जुड़े-जुड़े से थें। और अब, जब हम इसकी उपयोगिता को समझ चुकें हैं तो फिर हम इनसे दुर क्यों जा रहें हैं ? आज हमारे देश के युवाओं की बड़ी संख्या गंभीर बीमारियों का शिकार होती जा रही है। ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में हमारे देश के युवा ह्रदय घात (Heart Attack) जैसी घटनाओं के सबसे ज्यादा शिकार होंगे। परन्तु इसका सबसे बड़ा कारण क्या है ? हमें इसके बारे में सोचना चाहिए। ऐसी गंभीर बीमारियों का सबसे बड़ा कारण मोटापा और अस्वस्थ (Unfit) होना हैं। दोस्तों हम सभी अच्छी तरह जानते हैं कि खेल एक ऐसा साधन है जिसके जरिए हम खुद को स्वस्थ और खुशहाल रख सकते हैं। देश की रीढ़ (Backbone) कहें जाने वाले युवा तनाव से ग्रस्त हैं। तनाव हमारे जीवन को दीमक की तरह खाते जा रहें हैं। जब इतने बड़े और प्रभावशाली देश की युवा पीढ़ी हीं इस समस्या से जुझेगी तो देश आगे कैसे बढ़ेगा ? यह एक बड़ा ही चिंताजनक समस्या है। हम कैसे इसका सामना कर सकते हैं ?
ज़बाब आप सभी को पता है - खेल। जी हां ! खेल ही वह साधन है जिससे हम खुद को तनावमुक्त रख सकते हैं।
खेल सिर्फ हमें स्वस्थ ही नहीं रखता अपितु इसके और भी कई लाभकारी महत्व देखें जा सकतें हैं। खेल विश्वस्तरीय पहचान बनाने में काफी हद तक कारगर साबित हो रहा है। खेल के क्षेत्र में लोग देश-विदेश में कमाल के प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहें हैं। खिलाड़ी अद्भुत प्रतिभा का प्रदर्शन कर देश का नाम रौशन कर मान सम्मान बढ़ा रहे हैं।
दोस्तों जब खेल हमें इतना कुछ देने को तैयार है तो हम इसे अपना क्यों नहीं रहें हैं ? हम क्यों सिर्फ इनके दर्शक बनकर बैढ़ें हैं। हमें भी इसमें हिस्सा लेना चाहिए और अपनी अद्वितीय प्रतिभा सें एक नई पहचान बनानी चाहिए।
दोस्तों खेल की उपयोगिता के विषय में लोगों को बताएं और इससे जुड़ने के लिए लोगों को प्रेरित करें। इस विनम्र अपील के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं।
धन्यवाद !!!
यह कथन महान फूटबॉलर का है।
परम् आदरणीय कुलपति महोदय, उपकुलपति महोदय, सम्मानीय मुख्य अतिथि, प्रोफेसर गण एवं मेरे स्नेही मित्रों।
ओरिएंटेशन प्रोग्राम के इस मौके पर खेल विषय पर मुझे बोलने का मौका दिया गया और आप सभी सुनने को एकाग्र हैं इसके लिए आप सभी का तहे दिल से धन्यवाद।
वैसे तो हम सभी खेल की महत्ता से भली-भांति अवगत हैं। खेल हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण क्रियाकलाप रहा है। निश्चय ही आप में से कई क्रिकेट के दिवानें होंगे तो की फूटबॉल के रोमांच पसंद करते होंगे। खेल कई प्रकार के होते हैं जिनसे हम हमेशा रोमांचित होतें हैं।
खेल हमारे जीवन को रोगमुक्त एवं तनावमुक्त रखने का सबसे बेहतरीन एवं सफल साधन है। परन्तु हमलोग जिस प्रकार खेल से दूर होते जा रहे हैं वो निश्चय ही एक चिंताजनक विषय है। मुझे आज भी वो बचपन के खेल याद है जिन्हें हम सिर्फ रोमांच के लिए खेलते थे परन्तु अनजाने में ही वो हमें स्वस्थ और मजबूत बना रहे थें।
जब हम इसकी उपयोगिता नहीं जानते थे, जब हम इनके अच्छे प्रभाव से अवगत नहीं थे तब हम इनसे कितने जुड़े-जुड़े से थें। और अब, जब हम इसकी उपयोगिता को समझ चुकें हैं तो फिर हम इनसे दुर क्यों जा रहें हैं ? आज हमारे देश के युवाओं की बड़ी संख्या गंभीर बीमारियों का शिकार होती जा रही है। ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में हमारे देश के युवा ह्रदय घात (Heart Attack) जैसी घटनाओं के सबसे ज्यादा शिकार होंगे। परन्तु इसका सबसे बड़ा कारण क्या है ? हमें इसके बारे में सोचना चाहिए। ऐसी गंभीर बीमारियों का सबसे बड़ा कारण मोटापा और अस्वस्थ (Unfit) होना हैं। दोस्तों हम सभी अच्छी तरह जानते हैं कि खेल एक ऐसा साधन है जिसके जरिए हम खुद को स्वस्थ और खुशहाल रख सकते हैं। देश की रीढ़ (Backbone) कहें जाने वाले युवा तनाव से ग्रस्त हैं। तनाव हमारे जीवन को दीमक की तरह खाते जा रहें हैं। जब इतने बड़े और प्रभावशाली देश की युवा पीढ़ी हीं इस समस्या से जुझेगी तो देश आगे कैसे बढ़ेगा ? यह एक बड़ा ही चिंताजनक समस्या है। हम कैसे इसका सामना कर सकते हैं ?
ज़बाब आप सभी को पता है - खेल। जी हां ! खेल ही वह साधन है जिससे हम खुद को तनावमुक्त रख सकते हैं।
खेल सिर्फ हमें स्वस्थ ही नहीं रखता अपितु इसके और भी कई लाभकारी महत्व देखें जा सकतें हैं। खेल विश्वस्तरीय पहचान बनाने में काफी हद तक कारगर साबित हो रहा है। खेल के क्षेत्र में लोग देश-विदेश में कमाल के प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहें हैं। खिलाड़ी अद्भुत प्रतिभा का प्रदर्शन कर देश का नाम रौशन कर मान सम्मान बढ़ा रहे हैं।
दोस्तों जब खेल हमें इतना कुछ देने को तैयार है तो हम इसे अपना क्यों नहीं रहें हैं ? हम क्यों सिर्फ इनके दर्शक बनकर बैढ़ें हैं। हमें भी इसमें हिस्सा लेना चाहिए और अपनी अद्वितीय प्रतिभा सें एक नई पहचान बनानी चाहिए।
दोस्तों खेल की उपयोगिता के विषय में लोगों को बताएं और इससे जुड़ने के लिए लोगों को प्रेरित करें। इस विनम्र अपील के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं।
धन्यवाद !!!
Anonymous:
i have less points..!!!
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