प्रश्न1 किसने देव-दुर्लभ त्याग' कहा और क्यों?
प्रश्न2 दुनिया सोती थी, पर दुनिया की जीभ जागती थी। कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।
प्रश्न3 मियाँ नसीरूद्दीन की दुकान कहाँ स्थित थी और कैसी थी?
प्रश्न4 मियाँ नसीरुद्दीन के खानदान का पेशा क्या था? उसने अपनी आजीविका के लिए कौन-सा
धंधा अपनाया?
प्रश्न5 वंशीधर तिवारी कौन थे? उन्होंने जीवन-भर कैसे आजीविका चलाई?
प्रश्न6 अध्यापक त्रिलोक सिंह और लोहार गंगाराम के दंड देने के क्या क्या ढंग थे?
प्रश्ना स्पीति में इतिहास क्यों कम रहा हैं?
प्रश्न8 लाहुल-स्पीति में आवागमन की क्या कठिनाइयाँ हैं?
प्रश्न संवेदनशील मामलों में बड़े अफसरों की राय लेना कहाँ तक ठीक है? लिखिए।
Answers
Answer:
1.उन्हें पता नहीं था कि धन के सन्मुख सभी नतमस्तक हो जाते हैं। यहाँ तक कि देवता भी इसका त्याग सरलता से नहीं कर पाते। इसलिए धर्म (वंशीधर) को बुद्धिहीन तथा देव-दुर्लभ त्याग कहा गया है।
2.दुनिया सोती थी, पर दुनिया की जीभ जागती थी। उत्तर:- पंडित आलोपीदीन रात में गिरफ्तार हुए ही थे कि खबर सब जगह फैल गई। दुनिया की जबान टीका-टिप्पणी करने से दिन हो या रात रूकती नहीं।
3.नानबाई उस व्यक्ति को कहते हैं जो कई तरह की रोटियाँ बनाने और बेचने का काम करता है। यहाँ मियाँ नसीरुद्दीन नामक खानदानी नानबाई का जिक्र हुआ है। मियाँ नसीरुद्दीन की दुकान जामा मस्जिद के पास मटियामहल के गद्वैया मुहल्ले में थी।
4.नसीरुद्दीन का खानदानी पेशा नानबाई बनाने का था। वह अपनी आजीविका के लिए एक दुकान चलाते थे, जहाँ पर वह नानबाई बनाते थे। नानबाई एक विशेष प्रकार की रोटी होती है, जिसको बनाने की कला में नसीरुद्दीन को महारत हासिल थी।
5.वंशीधर तिवारी मोहन के पिता थे। उन्होंने जीवन भर पुरोहिती कर दान-दक्षिणा के बूते पर अपनी जीविका चलाई। ... उन्होंने साधारण हैसियत वाले यजमानों की पुरोहिताई कर के उनसे मिली दान-दक्षिणा के बूते पर अपने परिवार का पेट पाल यानि अपनी आजीविका चलाई।
6.याद न करने पर मास्टर त्रिलोक बच्चे को अपनी पसंद का बेंत चुनने की छूट देते थे, जबकि लोहार गंगाराम सज़ा देने का हथियार स्वयं ही चुनते थे। गलती होने पर वे छड़, बेंत, हत्था-जो भी हाथ लगता, उससे सज़ा देते।
7.उँचे दर्रों और कठिन रास्तों के कारण इतिहास में स्पीति का वर्णन कम रहा है। अलंघ्य भूगोल यहाँ इतिहास का एक बड़ा कारक है। यहाँ आवागमन के साधन नहीं हैं। ... इतने कम समय में स्पीति का जन-जीवन सामान्य नहीं हो पाता।
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Explanation:
दुनिया सोती थी पर दुनिया की जीभ जागती थी। कथन का आशय स्पश्ट कीजिए