Hindi, asked by FlexDeveloperYou, 3 months ago

प्रश्न1 निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए- 5
मनुष्य अपने संकल्पों का बना हुआ है| जैसा वह संकल्प करता है, वैसा ही वह होता है| एकलव्य ने संकल्प
किया अद्वितीय धनुर्धर बनने का| उसने कहा,’यदि मेरी जिज्ञासा सच्ची होगी तो मुझे कोई भी रोक नहीं
पाएगा| इतना ही नहीं, द्रोणाचार्य ही मेरे गुरु होंगे|’ और हुआ भी वही| स्वयं गुरु द्रोणाचार्य को उसकी कुटिया
तक आना पड़ा, उसकी धनुर्विद्या हेतु सर्वोत्कृष्टता का प्रमाण-पत्र देने के लिए| दृढ़ संकल्प वाले किस प्रकार
कार्य करते हैं यह प्रह्लाद के जीवन से जाना जा सकता है| ध्रुव बालक सही, पर वह आदियुग की निष्ठा और
विश्वास का प्रतीक था| उसने अपने संकल्प के बल पर अविचल पद प्राप्त कर लिया| भक्तिमती शबरी भी
संकल्पनिष्ठा का अप्रतिम उदाहरण है|
1. मनुष्य अपने जीवन में कैसा बन जाता है?
2. गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए|
3. एकलव्य कौन था? उसने क्या संकल्प किया?
4. द्रोणाचार्य कौन थे? वे एकलव्य की कुटिया तक क्यों आए?
5. अविचल पद किसे प्राप्त हुआ और कैसे?

Answers

Answered by mansuriakhtarhusen
7

Answer:

1 मनुष्य जैसा संकल्प करता है वैसा ही होता है |

2 संकल्प निष्ठा का अप्रतिम उदाहरण

3 एकलव्य ने धनुर्धर बननेका संकल्प किया |

4 dronachrya पांडवो और कौरवो के गुरु थे| वह उस धनुर्धर ko देखना चाहते थे जिसने कुत्ते के मुह को बाणो से भर दिया थे |

5 एकलव्य

Similar questions