प्रश्न1.ननम्नलिखित पंक्ततयों के आधार पर 70 से 80 शब्दों में कहानी लििकर उसे उचित शीर्षक दीक्िए
अमीर बढु ़िया.................... दो नौकर............... मर्गु े की बााँर्ग सनु कर बढु ़िया का िार्ग िाना.......... बढु ़िया का नौकरों को िर्गाना........... उन्हें काम पर िर्गाना ...............नौकर परेशान............ नौकरों का तंर्ग आना ............आपस में र्ड्यंत्र........... मर्गु े को मार डािना............. वतत बेवतत बढु ़िया का िार्ग िाना ..........पहिे से अचधक काम............. पछतावा सी
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Answer:
बुढ़िया और उसके नौकर
एक बुढि़या थी। उसके यहाँ दो नौकर थे। बुढि़या रोज सुबह मुर्गे के बाग देते ही उठ जाती थी। फिर वह अपने नौकरौ को जगाती और उन्हे काम पर लगा देती। नौकरो को सुबह इतनी जल्दी उठना पसंद नही था। वे दोनो हमेशा यही सोचा करते ऐसा कोई उपाय करना चाहिये। ताकि हम आराम से सो सके। एक दिन एक नौकर ने कहा, ‘क्यो न हम सभी मुर्गो को मार डाले।
न रहेगा बाँस न बजेगी बाँसुरी यदि मालकिन सुबह मुर्गे की बाॅग नही सुनेगी तो जल्दी उठेगी कैसे। यदि वह सुबह जल्दी जाँगेगी नही तो हमें नींद से कौन उठाएगा। फिर हम चैन की नीद सो सकेगे।” दूसरे नौकर को यह बात पसंद आ गई। दूसरे दिन दोनो नौकरो ने मिलकर मुर्गे को मार डाला। जब मुर्गा ही नही रहा तो बड़े सबेरे बाँग कौन देता? अब बुढि़या को सुबह उठने का समय नही पता चलता था। इसलिए वह पहले की अपेक्षा और जल्दी उठ जाती थी।
एक बार वह जग जाती तो नौकरो को भी सोने न देती। मुर्गा तो मर गया पर नौकरो की परेशानी पहले से ज्यादा बढ़ गई। अब उन्हे और भी जल्दी उठना पडता था।
शिक्षा -बिना बिचारे जो करे सो पीछे पछताए ।
मुझे लगता है कि यह काम करता है।
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